जिले में 06 कीटनाशी लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त
सभी कीटनाशी विक्रेताओं को विगत वर्ष एवं चालू वर्ष का ब्यौरा प्रस्तुत करने के दिए निर्देश

अलीगढ़ : जिला कृषि अधिकारी एवं जिला कृषि रक्षा अधिकारी धीरेन्द्र सिंह चौधरी ने जिले में कृषि रक्षा रसायनों की गुणवत्ता एवं नियम संगत बिक्री सुनिश्चित करने के लिए सभी कीटनाशी लाइसेंस धारकों को निर्देशित किया जाता है कि वह बिना लाइसेंस के अनाधिकृत रूप से किसी प्रकार के कृषि रक्षा रसायनों का उत्पादन एवं बिक्री न करें। लाइसेंस धारक कीटनाशक बिक्रेताओं के पास निर्धारित प्रारूप पर स्टाक पंजिकाएं कृषि रक्षा अधिकारी द्वारा प्रमाणित हो, उपलब्ध रहंे एवं उस पर नियमित रूप से स्टाक का विवरण अंकित किया जायें। कीटनाशी रसायनों की बिक्री किये जाने पर कृषकों को अनिवार्य रूप से कैश मेमो निर्गत किया जाये। नकली, अधोमानक एवं कालातीत रसायनों की बिक्री किसी भी दशा में नही की जाये। उन्होंने स्पष्ट किया कि उक्त निर्देशो का उल्लंघन करने पर आपके विरूद्ध कीटनाशी अधिनियम 1968 के तहत कठोर कार्यवाही की जायेगी। जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि कीटनाशी अधिनियम 1968 के प्राविधानों के अन्तर्गत जिले में महत्वपूर्ण तथ्य के सम्बन्ध में गलत बयानी, स्वयं के अनुरोध लाइसेंस की शर्तों को पूरा करने में असफल रहने एवं किसी दूसरे जुर्माने जिसके लिये 06 कीटनाशी लाइसेंसों को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया गया है। उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आरएसपी एग्रीटेक लि0 बस स्टैण्ड, प्रवीन टेडर्स जीटी रोड, ओम कृषि रक्षा केन्द्र ललित मार्केट बस स्टैण्ड, लक्ष्मी कृषि सेवा केन्द्र भवीगढ़, श्याम कृषि रक्षा केन्द्र खैर रोड एवं साइनवुड एग्रो लि0 सिधौंली के कीटनाशी लाइसेंस को निरस्त किया गया है पीपीओ श्री चौधरी ने सभी कीटनाशक विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि अपने कीटनाशी प्रतिष्ठान में वर्ष 2024-2025 एवं 2025-26 में विक्रित समस्त कीटनाशकों का ब्यौरा निर्धारित प्रारूप- जिसमें कीटनाशी प्राप्त करने की तिथि, विनिर्माण एवं पूर्तिकार का नाम जिससे प्राप्त किया, बैच संख्या, विनिर्माण एवं अवसान की तिथि, इनवायस डिटेल, पिछला शेष, प्राप्त किया, विक्रय, अवशेष, बिल संख्या (नाम पता जिसे बेचा व वितरित किया गया) का स्पष्ट रूप से उल्लेख हो, प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें, अन्यथा की दशा में आपके प्रतिष्ठान का लाइसेंस निरस्त कर दिया जायेगा एवं अधिनियम में उल्लेखित सुसंगत धाराओं के अधीन आपके विरूद्ध विधिक कार्यवाही प्रारम्भ कर दी जायेगी।