फरवरी का ये सप्ताह व्रत-त्योहार से पटा पड़ा है
पितृ पूजा, तर्पण, पंचबलि भोग कराने से तीन पीढ़ियों के पितर प्रसन्न हो जाते हैं
आज से फरवरी माह का पहला सप्ताह शुरू हो गया है. ये सप्ताह 5-11 फरवरी 2024 तक रहेगा. धार्मिक दृष्टि से देखें तो फरवरी का ये सप्ताह व्रत-त्योहार से पटा पड़ा है. इन 7 दिनों में मां दुर्गा, विष्णु जी, शिव जी की पूजा का खास संयोग बन रहा है.इसके अलावा पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए इस सप्ताह में मौनी अमावस्या का दिन बहुत खास माना जा रहा है. इस दिन पितृ पूजा, तर्पण, पंचबलि भोग कराने से तीन पीढ़ियों के पितर प्रसन्न हो जाते हैं. जानें फरवरी के पहले सप्ताह में कौन-कौन से व्रत आएंगे, इसका पूजा मुहूर्त और महत्व.
षटतिला एकादशी – 6 फरवरी 2024 माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं. षटतिला अर्थात तिल का 6 तरह से उपयोग करने वाली एकादशी. तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के पसीने से हुई थी, इसलिए इस एकादशी पर तिल से श्रीहरि की पूजा, उनके भोग में तिल का इस्तेमाल, तिल से स्नान, तिल से तर्पण, तिल का उबटन लगाने, तिल से हवन और तिल का सेवन करने का विधान है. मान्यता है इससे सुख-समृद्धि, धन-संपदा की प्राप्ति होती है.
- पूजा मुहूर्त – सुबह 09.51 – दोपहर 01.57
- षटतिला एकादशी व्रत पारण – सुबह 07.06 – सुबह 09.18 (7 फरवरी)
बुध प्रदोष व्रत – 7 फरवरी 2024 इस बार माघ महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी बुधवार को पड़ रही है ऐसे में फरवरी का पहला प्रदोष बुध प्रदोष व्रत कहलाएगा. इस दिन शिव जी की पूजा प्रदोष काल में करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. साथ ही गणपति की पूजा का संयोग भी बन रहा है. शास्त्रों के अनुसार बच्चे की उन्नति, संतान सुख, बुद्धि और वाणी में वृद्धि के लिए बुध प्रदोष व्रत की बहुत मान्यता है.
- पूजा मुहूर्त – शाम 06.50 – रात 08.41
माघ मासिक शिवरात्रि – 8 फरवरी 2024 कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि मासिक शिवरात्रि के नाम से जानी जाती है. इस दिन व्रत रखकर रात्रि जागरण कर शिव पूजा करने वालों के कई जन्मों का पाप धुल जाते हैं. वैवाहिक जीवन में सुख शांति, अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति की कामना पूर्ति के लिए ये व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना गया है.
- पूजा मुहूर्त – देर रात 12.09 – प्रात: 01.01
मौनी अमावस्या – 9 फरवरी 2024 सालभर में माघ महीने की अमावस्या ही एक मात्र ऐसी अमावस्या है जिस दिन मौन व्रत रखकर धार्मिक कार्य करने का विशेष महत्व है, इसलिए इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है. मौनी अमावस्या पर पूर्वजों का तर्पण करने से पितृ दोष समाप्त होता है, वंश वृद्धि और सुखी दांपत्य का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन गंगा स्नान करने से अमृत के गुण मिलते हैं.
- स्नान-दान समय – सुबह 08.02 – सुबह 11.15
- श्राद्ध कर्म – सुबह 11.00 – दोपहर 03.21
माघ गुप्त नवरात्रि – 10 फरवरी 2024 – 18 फरवरी 2024 तक माघ गुप्त नवरात्रि शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होगी और इसका समापन नवमी तिथि को होगा.गुप्त नवरात्रि के 9 दिनों में दस महाविद्या की पूजा की जाती है. तांत्रिक, अघोरियों इस दौरान गुप्त तरीके से महाविद्या की उपासना कर अलौकिक सिद्धियां प्राप्त करते हैं. गृहस्थ जीवन वालों को इन 9 दिनों में मां दुर्गा की सामान्य रूप से पूजा, पाठ करना चाहिए, इससे शत्रु बाधा, नजरदोष, ग्रह दोष समाप्त होते हैं.
- घटस्थापना मुहूर्त – सुबह 08.45 – सुबह 10.10 (10 फरवरी 2024)
- अभिजित मुहूर्त – दोपहर 12.13 – दोपहर 12.58 (10 फरवरी)
मृत्यु पंचक – 10 फरवरी 2024 – 14 फरवरी 2024 तक
पंचक काल में सभी शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है. शास्त्रों के अनुसार शनिवार से शुरू होने वाले मृत्यु पंचक को बहुत खतरनाक माना गया है. इस दौरान दुर्घटना की संभावनाएं बढ़ जाती है, मृत्यु समान कष्ट भोगने पड़ते हैं इसलिए इस पंचक में सावधानी बरतें. मांगलिक कार्य, नए निवेश, नया कार्य शुरू न करें.