क्राइम

बालिका गृह से गायब 26 में 10 बच्चियां मिली

सीएम मोहन यादव ने कहा कि लापता लड़कियों की वेरिफिकेशन हो गई है

राजधानी भोपाल स्थित एनजीओ के हॉस्टल (चिल्ड्रन होम) से गायब 26 बच्चियों में 10 बच्चियां मिल गई हैं. इस मामले में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि “26 में से 10 बच्चियों को खोजने में सफलता मिली है, सभी बच्चियां अपने परिजनों के साथ हैं. बाकी बच्चियों को भी हमारी टीम द्वारा खोजा जा रहा है.” उन्होंने बताया कि “इस मामले में पूर्व सीडीपीओ विजेन्द्र प्रताप सिंह और सुपरवाइजर कोमल उपाध्याय को सस्पेंड कर दिया गया है.”भोपाल जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इस हॉस्टल के बारे में बताया कि “यह बालिका गृह अवैध रुप से चलाया जा रहा था. जांच में ये बात सामने आई है कि यह न तो पंजीकृत था और न ही इसके पास किसी भी प्रकार की मान्यता है. बालिका गृह की 41 लड़कियों को सरकारी आश्रय गृह में ट्रांसफर किया गया है.” उन्होंने बताया कि “बालिका गृह चलाने वाले के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इसके डायरेक्टर पर जेजे एक्ट में मामला दर्ज किया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. सभी लड़कियां सुरक्षित हैं.”

मामला उजागर होते ही मचा हड़कंप
राजधानी भोपाल के एनजीओ के अवैध हॉस्टल (चिल्ड्रन होम) का मामला सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है. मौके पर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह, आईजी देहात अभय सिंह, एसपी प्रमोद कुमार सिन्हा, एसडीओपी मंजू चौहान, एसडीएम आशुतोष शर्मा, जिला पंचायत सीईओ ऋतुराज सिंह, नायब तहसीलदार सोनिया परिहार निरीक्षण करने पहुंचे थे. इस मामले में हॉस्टल के फादर अनिल मैथ्यू के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया गया है.

बता दें, तारा सेवनिया क्षेत्र में चिल्ड्रन होम बगैर अनुमति के संचालित हो रहा है. हॉस्टल में 68 बच्चियों के रहने की एंट्री है, जबकि यहां मात्र 41 बच्चियां ही पाई गईं. इस हॉस्टल में मध्य प्रदेश के सीहोर, रायसेन, छिंदवाड़ा, बालाघाट के अलावा गुजरात, झारखंड और राजस्थान की बच्चियां रहती हैं. एनजीओ के हॉस्टल (चिल्ड्रन होम) से एक बालक सहित 26 बच्चियां गायब हैं. इस मामले पर राष्ट्रीय बाल आयोग ने संज्ञान मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव वीरा राणा को पत्र लिखा है.

‘दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा’
इस मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. सोशल मीडिया पर पोस्ट संदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि “भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में संचालित बालगृह से लापता लड़कियों की वेरिफिकेशन हो गई है, सभी बेटियां सुरक्षित हैं और इनकी पहचान भी कर ली गई है.” उन्होंने आगे कहा कि “इस मामले में एक भी दोषी और लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.”

पूर्व सीएम ने किया था ट्वीट
इसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) संदेश पोस्ट किया है. शिवराज सिंह चौहान ने सरकार से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि ” मामले की गंभीरता और संवदेनशीलता को देखते हुए सरकार से संज्ञान लेने एवं त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं.”

आयोग ने सीएस को लिखा पत्र
निरीक्षण के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सीएस वीरा राणा को पत्र लिखा है. पत्र में लिखा कि भोपाल के आंचल बालगृह का निरीक्षण किया गया. इस दौरान बाल गृह के अधिकारियों एवं बालगृह में मौजूद बच्चों से बातचीत की. इसमें पता चला कि बालगृह न तो पंजीकृत है और न ही मान्यता प्राप्त है.संलग्न सूची में 68 निवासरत बच्चियां दर्ज थीं, निरीक्षण के दौरान 41 बच्चियां ही मिलीं. सभी बच्चियों को बाल कल्याण समिति के आदेश के बिना रखा गया. बालगृह के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि बच्चों को चाइल्ड इन स्ट्रीट सिचुऐशन से रेस्क्यू कर बिना बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किए यहां रखा जा रहा है. यह बालगृह पूर्व में रेलवे चाइल्ड लाइन चलाने वाली संस्था संचालित कर रही है.

JNS News 24

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