21 साल के युवा गेंदबाज मयंक यादव ने IPL 2024 में अपनी तेज गेंदबाजी से सभी को हैरान कर दिया
दो मैचों में 6 विकेट लेकर पर्पल कैप की लिस्ट में दूसरे नंबर पर पहुंच चुके हैं
21 साल के युवा गेंदबाज मयंक यादव ने IPL 2024 में अपनी तेज गेंदबाजी से सभी को हैरान कर दिया है. उनकी बॉलिंग इतनी फास्ट है कि बड़े बड़े दिग्गज बल्लेबाज रन बना ही नहीं पा रहे और आउट हो जा रहे हैं. मयंक यादव की गेंद की स्पीड का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आईपीएल के इस सीजन में अबतक उनसे तेज गेंद कोई नहीं फेंक सका है.156.7 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंककर मयंक यादव आईपीएल 2024 में अबतक सबसे तेज गेंद फेंकने वाले गेंदबाज हैं. इनके बाद इस सीजन में अभी तक दूसरे सबसे तेज गेंदबाज नंद्रे बर्गर हैं, जिन्होंने 153 की स्पीड से गेंदबाजी की है.इतना ही नहीं, मयंक यादव आईपीएल इतिहास में पहले खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने अपने पहले दो मैचों में लगातार दो प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड जीते हैं. सिर्फ दो मैचों में 6 विकेट लेकर पर्पल कैप की लिस्ट में दूसरे नंबर पर पहुंच चुके हैं. बाकी टॉप 5 गेंदबाज तीन-तीन मैच खेल चुके हैं, पर मयंक उनसे आगे हैं.
जीत के बाद मयंक यादव ने एक स्टेटमेंट में कहा, “दो प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड जीतकर अच्छा लग रहा है, लेकिन इससे भी ज्यादा खुशी इस बात की है कि हम दोनों मैच जीते. मेरा मकसद ज्यादा से ज्यादा भारत के लिए खेलना है. ये तो अभी शुरुआत है. मेरा असली मकसद वही है और पूरा फोकस उसी पर है.”इस स्पेशल स्टोरी में हम आपको किसी भी प्लेयर की तेज गेंदबाजी के पीछे की ताकत और साइंस के बारे में बता रहे हैं. आप ये भी समझेंगे कि आखिर मयंक यादव की आग उगलती बॉलिंग के पीछे का पूरा गणित क्या है.पहले जानिए कौन हैं मयंक यादव मयंक यादव बिहार के सुपौल जिले से ताल्लुक रखते हैं. उन्हें लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) ने आईपीएल 2022 से पहले खरीदा था, उस समय उन्होंने सिर्फ दो लिस्ट ए मैच ही खेले थे. पहले सीजन में उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला और अगले सीजन में भी चोटिल होने के कारण वह बाहर हो गए थे. उनकी चोट ठीक होते ही, उन्हें तेज गेंदबाजी के दम पर 50 ओवरों वाली देवधर ट्रॉफी में नॉर्थ जोन की टीम में शामिल कर लिया गया. इस ट्रॉफी में उन्होंने राहुल त्रिपाठी को अपनी तेज गेंद से बोल्ड कर सबको चौंका दिया था.आखिरकार 2024 में मयंक ने पंजाब किंग्स के खिलाफ खेलकर आईपीएल में अपना डेब्यू किया. पहले मैच में 155.8 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करके चार ओवरों में सिर्फ 27 रन देकर 3 विकेट लिए. अपने दूसरे ही आईपीएल मैच में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) के खिलाफ मयंक ने और भी धमाकेदार गेंदबाजी की. गेंद की अपनी रफ्तार को बढ़ाकर 156.7 किलोमीटर प्रति घंटे कर लिया. चार ओवरों में 3 विकेट लेकर मात्र 14 रन दिए.इससे पहले मयंक यादव ने पिछले साल सीके नायडू ट्रॉफी (अंडर-23) में शानदार प्रदर्शन किया था. इस टूर्नामेंट के 6 मैचों में उन्होंने 15 विकेट लिए और अपनी प्रतिभा का जलवा दिखाया था. इसके अलावा मयंक ने दिल्ली की टीम से सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में भी लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है.21 साल के मयंक ने 2023 देवधर ट्रॉफी में भी अपनी छाप छोड़ी है. उन्होंने नॉर्थ जोन की तरफ से सीजन के 5 मैचों में शानदार गेंदबाजी करते हुए 17.58 की औसत और 6 रन प्रति ओवर से कम की इकॉनमी रेट से कुल 12 विकेट लिए थे. हालांकि पिछले सीजन आईपीएल शुरू होने से ठीक पहले चोटिल होने के कारण उन्हें खेलने का मौका नहीं मिल सका था.
IPL में कैसे पहुंचे मयंक यादव
बात साल 2011 की. विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान मोहाली के आईएस बिंद्रा स्टेडियम में उत्तर प्रदेश और दिल्ली की टीमें पास-पास प्रेक्टिस कर रहीं थीं. उस वक्त उत्तर प्रदेश के कोच और पूर्व भारतीय विकेटकीपर विजय दहिया भी वहां मौजूद थे. इस दौरान जब विजय दहिया की नजर तेज गेंदबाज विजय दहिया पर पड़ी, तो वह मयंक को एक्शन करते देख दंग रह गए. दहिया इतने प्रभावित हो गए कि वह मयंक को और करीब से देखने के लिए अपनी पोजीशन बदल ली.दिल्ली के गेंदबाज को एक्शन करते देख दहिया को पूरा यकीन हो गया कि उन्हें लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए एक ‘सुपर टैलेंट’ मिल गया है. दहिया उस वक्त लखनऊ सुपर जायंट्स के असिस्टेंट कोच और टैलेंट स्काउट भी थे.अब समझिए तेज गेंदबाजी का साइंस तेज गेंदबाजी के पीछे न्यूटन के दो नियमों का खास प्रभाव होता है. न्यूटन का पहला नियम कहता है कि कोई भी चीज तब तक स्थिर रहती है जब तक उस पर कोई बाहरी बल न लगाया जाए. तेज गेंदबाजी करते समय गेंदबाज गेंद पर बल लगाकर उसे गति प्रदान करता है. जब गेंदबाज गेंद को फेंकता है, तो वह अपने हाथों और कंधों का इस्तेमाल करके बल लगाता है. यह बल गेंद को स्पीड से आगे बढ़ाता है और उसे हवा में आगे बढ़ने में मदद करता है.न्यूटन का दूसरा नियम कहता है कि किसी ऑब्जेक्ट की स्पीड इस बात पर तय होती है कि उसका वजन कितना है और उसे कितना ‘जोर’ दिया गया है. जोर को ‘मोमेंटम’ कहते हैं. यानी, वजन जितना कम और रफ्तार जितनी ज्यादा, मोमेंटम उतना ही ज्यादा.उदाहरण से समझिए- एक भारी पत्थर को धक्का देना मुश्किल होता है, क्योंकि उसका वजन ज्यादा होता है. लेकिन अगर उस भारी पत्थर को ढलान पर से धकेला जाए, तो वह तेजी से नीचे लुढ़केगा, क्योंकि उसमें ‘जोर’ या ‘मोमेंटम’ बढ़ जाएगा.तेज गेंदबाजी में भी यही होता है. गेंदबाज गेंद को तेजी से फेंकने के लिए उसमें ‘जोर’ या ‘मोमेंटम’ भरता है. इसके लिए वह अपनी पूरी ताकत लगाता है और गेंद को घुमाता भी है. घुमाव से गेंद हवा में ‘झूलने’ लगती है, जिससे उसकी रफ्तार और बढ़ जाती है.
मयंक यादव की आग उगलती गेंदबाजी का गणित
मयंक यादव 6 फीट 1 इंच लंबे हैं, जिससे उन्हें लंबा स्ट्राइड और ज्यादा स्पीड से गेंद फेंकने में मदद मिलती है. उनके मजबूत कंधे और हाथ गेंद को ज्यादा ताकत के साथ फेंकने में सक्षम बनाते हैं. मयंक एक रन-अप लेते हुए अपने दाएं हाथ को ऊपर उठाकर और कंधे को घुमाकर गेंद को स्पीड देते हैं. वे गेंद को घुमाने के लिए अपनी उंगलियों का भी इस्तेमाल करते हैं, जो हवा में गेंद की स्पीड को प्रभावित करती है.