अलीगढ़

अलीगढ़ में रोरावर क्षेत्र के गांव इब्राहिमपुर-भीमपुर में 27 जनवरी की रात को लगाई गई आंबेडकर की प्रतिमा को पुलिस द्वारा हटाने पर बवाल हो गया

गुस्साई भीड़ ने पहले पुलिस पर हमला किया और फिर पुलिस कर्मियों की छह बाइकें फूंक दीं

अलीगढ़ में रोरावर क्षेत्र के गांव इब्राहिमपुर-भीमपुर में 27 जनवरी की रात को लगाई गई आंबेडकर की प्रतिमा को पुलिस द्वारा हटाने पर बवाल हो गया। गुस्साई भीड़ ने पहले पुलिस पर हमला किया और फिर पुलिस कर्मियों की छह बाइकें फूंक दीं जबकि पुलिस के चार पहिया वाहनों में तोड़फोड़ की। भड़की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। हवाई फायरिंग भी की गई। वहीं भीड़ की तरफ से किए गए पथराव में दस से ज्यादा पुलिस कर्मी चोटिल हो गए हैं। गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। एसएसपी समेत सभी आला अफसर कैंप किए हुए हैं।दरअसल गांव इब्राहिमपुर-भीमपुर में बघेल समाज और अनुसूचित जाति के लोगों के बीच ग्राम समाज की भूमि को लेकर विवाद चला आ रहा है। यहां ग्राम समाज की जमीन के दो प्लॉट खाली पड़े हैं। एक प्लॉट पर 27 जनवरी को बघेल समाज के लोगों ने मंदिर का निर्माण शुरू करा दिया। अनुसूचित जाति के लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से की। पहुंची पुलिस ने मंदिर का निर्माण रुकवा दिया। वहीं 27 जनवरी की रात को दूसरे प्लॉट पर अनुसूचित जाति के लोगों ने आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित कर दी। बघेल समाज के लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। प्रतिमा को हटवाए जाने की मांग गूंजने लगी। जब लोगों को लगा कि पुलिस प्रतिमा को हटा सकती है तो समाज के लोगों की भीड़ प्रतिमा स्थल को घेरकर बैठ गई। अफसरों ने लोगों को समझा-बुझाकर प्रतिमा हटवाने की कोशिश की लेकिन लोग तैयार नहीं हुए। वहीं इससे गांव में भी तनाव बढ़ रहा था।पुलिस ने मीडिया सेल पर बताया कि थाना रोरावर के ग्राम भीमपुर में 26 जनवरी से एक विषय चल रहा था। ग्राम के लोगों ने ग्राम सभा की जमीन पर एक अम्बेडकर जी की मूर्ति की स्थापना रातों रात की, उससे पहले उस काम को थाने के द्वारा रुकवाया गया था। आधा बना हुआ था, उसको रुकवाया गया था। उसके दो-तीन दिन में उन लोगों के द्वारा रात में ही एक मूर्ति की स्थापना कर दी। तब से ही प्रशासन व पुलिस लगातार बातचीत कर रही थी। तभी से फोर्स मौके पर मौजूद रही है। अलग-अलग स्तर पर वार्ता की गयी।

 एक प्रतिनिधि मंडल डीएम व एसएसपी से वार्ता करने गया था। नियम के तहत किसी भी ग्राम सभा की जमीन पर कोई भी निर्माण नहीं कर सकता है, मूर्ति की स्थापना भी नहीं की जा सकती है । जब दूसरे पक्ष से वार्ता की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि दूसरा बघेल पक्ष के द्वारा एक मंदिर बनवाया जा रहा है। मन्दिर की जगह उनके द्वारा बाउंड्री बनवाई जा रही थी। तत्काल मंदिर की बाऊंड्री को भी नहीं बनने दिया जायेगा । मूर्ति भी नहीं लगने दी जायेगी । दोनों पक्ष के द्वारा आज डीएम व एसएसपी से वार्ता करने के उपरान्त मान गए थे । दो दिन से चल रहा था, जब शाम को पुलिस मूर्ति को हटवाने के लिए गई तो उस वक्त महिलाओं व वहां पर मौजूद लोगों के द्वारा पथराव किया गया। तीन- चार स्कूटियों में आगजनी की गई है ।  दो पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं, उनको उपचार हेतु भिजवा दिया गया है । अभी मूर्ति हटवा दी गई है, मौके पर पर्याप्त फोर्स मौजूद है। स्थिति पूर्ण नियंत्रण में है । महज 15 मिनट की अव्यवस्था हुई थी । इसमें प्रधान व पूर्व प्रधान को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है । यह आमतौर पर ग्राम की राजनीति से प्रभावित घटना है । आने वाले चुनाव से प्रेरित है, इसलिए हमने हिरासत मे लिया गया है ।अलीगढ़ के डीएम संजीव रंजन ने कहा कि ये बिल्कुल स्पष्ट नियम है कि ग्राम समाज की भूमि पर इस तरह से किसी महापुरुष की या अन्य कोई प्रतिमा स्थापित नहीं कराई जा सकती। ये बात ग्रामीणों को व उनके नेतृत्वकर्ताओं को बार-बार समझाई गई। उसी क्रम में उन्हें लगातार बातचीत कर बताया गया। रहा सवाल निचले स्तर की लापरवाही का और समय से सूचनाएं न मिलने का तो इसकी जांच कराई जाएगी। जो भी जवाबदेह होंगे। उन पर कार्रवाई तय की जाएगी।
एसएसपी यह बोले
अलीगढ़ के एसएसपी संजीव सुमन ने कहा कि ये तो साफ है कि प्रतिमा गलत व नियम विरुद्ध लगाई गई। जब इस विषय पर वार्ता के सभी दौर पूरे कर लिए गए और बात नहीं बनी तो प्रतिमा हटवाई गई
रहा सवाल महापुरुष की प्रतिमा के प्रति आस्था का तो उन्होंने देश व संविधान के लिए काम किया। जो लोग इसकी आड़ में सियासत कर रहे हैं, वे गलत हैं। अब स्थिति नियंत्रित है।

JNS News 24

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