फसलों को नुकसान, बारिश से बढ़ी किसानों की टेंशन
जिलों में अगले पांच दिनों तक आंशिक रूप से मुख्य रूप से बादल छाए रहने की भविष्यवाणी की
गेहूं, जौ, आलू, चना, मसूर, अलसी, मटर व सरसों रबी की फसलें हैं. इस मौसम में कई हरी सब्जियों के साथ-साथ फलों की भी खेती की जाती है. इस वक्त उगाई गई फसलो को सिंचाई के लिए पानी की सीमित उपलब्धता की जरूरत होती है. ऐसे में बुवाई से खेतों में जलजमाव या फिर बुवाई के बाद भारी बारिश से फसल को नुकसान पहुंच सकता रबी फसलों की बुवाई के लिए खेत तैयार किए जा रहे हैं. कई जगह तो बुवाई की शुरुआत तक हो गई है. इस साल समय से पहले पक जाने के चलते गेहूं के उत्पादन में भारी गिरावट दर्ज की गई थी. ऐसे में सरकार और किसान दोनों रबी के इस सीजन में गेहूं की फसल से बंपर पैदावार की उम्मीद लगाए हुए हैं.
हालांकि, उनकी उम्मीदें धरी की धरी रह सकती है. कई राज्यों में मौसम बेईमान होता नजर आ रहा है. चक्रवात मिचौंग के असर से हुई बारिश के कारण दक्षिणी ओडिशा के जिलों में धान को भारी नुकसान हुआ है. मिचौंग 5 दिसंबर को आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तट पर नेल्लोर और मछलीपट्टनम के बीच बापटला के करीब टकराया है. हालांकि, 6 दिसंबर को ये तूफान कमजोर हो गया, लेकिन इस दौरान हुई बारिश से राज्य में कई हजार एकड़ फसल खराब हो गई. कृषि अधिकारियों का अनुमान है कि पिछले महीने 25,603 एकड़ क्षेत्र में खड़ी धान खराब हो गई थी. मौसम विभाग ने चक्रवात मिचौंग के कमजोर होने के बाद भी ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तामिलनाडु में हल्की से मध्यम बारिश की आशंका जाहिर की है. ऐसे में इन राज्यों में रबी की फसलों की बुवाई पर काफी असर पड़ सकता है. मौसम विभाग (IMD) ने महाराष्ट्र बिहार, झारखंड और बंगाल में भी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है. नागपुर को लेकर मौसम विभाग की सलाह महाराष्ट्र के नागपुर जिले में खेतों में किसानों को कीटनाशकों और उर्वरकों के छिड़काव और प्रयोग से बचने की सलाह दी गई मौसम विभाग (IMD) ने नागपुर समेत आसपास के जिलों में अगले पांच दिनों तक आंशिक रूप से मुख्य रूप से बादल छाए रहने की भविष्यवाणी की है. वहीं, विदर्भ में में अगले दो दिनों में अधिकतम तापमान 2-3 डिग्री सेल्सियस गिरने की आशंका जताई है. विभाग की तरफ से किसानों को परिपक्व धान की कटाई और मड़ाई जारी रखने की की सलाह दी है. यदि मड़ाई संभव नहीं है, तो काटी गई उपज को ऊंचे स्थान पर रखें. इसे प्लास्टिक शीट या तिरपाल से ढक दें.