महिलाएं गाय के गोबर से बना रही धूपबत्ती और अगरबत्ती
महिलाओं को प्रतिदिन हजारों रुपए का फायदा
अमेठी: अमेठी में स्वयं सहायता समूह लगातार महिलाओं को सशक्त बनाने का काम कर रहा है. इसी क्रम में महिलाओं का एक समूह धूपबत्ती और अगरबत्ती बनाकर आत्मनिर्भरता कि ओर बढ़ रहा है. महिलाओं के इस समूह में धूपबत्ती और अगरबत्ती तैयार कर उसे बेचा जाता है और इस काम से महिलाओं को प्रतिदिन हजारों रुपए का फायदा हो रहा है. प्राकृतिक तरीके से धूपबत्ती और अगरबत्ती बनाने का यह समूह अमेठी जिले के भादर विकासखंड में स्थित है. समूह में गाय के गोबर से धूपबत्ती और अगरबत्ती तैयार की जाती है. खास बात यह है कि इस धूपबत्ती और अगरबत्ती में किसी भी प्रकार के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता. ये पूर्ण रूप से प्राकृतिक और बेहतर तरीके से धूपबत्ती और अगरबत्ती को तैयार कर उसकी पैकिंग कर उसे बाजारों तक पहुंचाया जाता है.
धूपबत्ती और अगरबत्ती बनाने का काम सिर्फ अमेठी तक ही सीमित नहीं है. यह समूह अलग-अलग महिलाओं को रोजगार देकर अपने बने प्रोडक्ट देहरादून, बनारस, मथुरा, लखनऊ, प्रयागराज, उत्तराखंड के साथ कई अन्य बड़े शहरों में और राज्यों में इस प्रोडक्ट को भेज रहा है. खास बात यह है कि इन प्रोडक्ट की बिक्री ऑनलाइन वेबसाइट पर होती है.समूह में जुड़ी महिला सावित्री देवी बताती हैं कि पहले पैसों की ज्यादा दिक्कत थी रोजगार नहीं था. घर में काम निपटाने के बाद खाली बैठना पड़ता था और समय पूरा बर्बाद हो जाता था लेकिन जब से इस समूह की शुरुआत हुई है और हम सब अगरबत्ती और धूपबत्ती बनाने का काम कर रहे हैं. हम सबको महीने में अच्छा खासा फायदा हो रहा है. हम सब प्रतिदिन 2 से 3 हजार रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं और महीने में हमें 40 से 50 हजार का मुनाफा हो रहा है.समूह के प्रबंधक इंद्रजीत यादव ने बताया कि यह समूह गांव की इकोनॉमी को मजबूत कर रहा है और उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार ला रहा है. समूह में प्राकृतिक तरीके से धूपबत्ती और अगरबत्ती तैयार की जाती है. हमारे प्रोडक्ट अमेठी तक ही सीमित नहीं है उन्हें बाहर भी भेजा जाता है. हम बड़े शहरों में और मंदिरों में इस प्रोडेक्ट को भेजते हैं. इसके साथ ही गांव की महिलाओं को हमने रोजगार दिया है. हमने अलग-अलग महिलाओं को अलग-अलग काम दिया है और आज महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही है.