पापड़ और चिप्स ने बदल दी इन महिलाओं की किस्मत
गांव की महिलाएं घरों से बाहर निकल कर आत्मनिर्भर बन रही है
बागपत. समय के बदलते स्वरूप और शिक्षा तकनीकी के प्रभाव ने महिलाओं को एक नई उड़ान दी है. आज गांव की महिलाएं घरों से बाहर निकल कर आत्मनिर्भर बन रही है. ऐसे ही बागपत में गांव की महिलाएं अपने हुनर से घर बैठे हजारों रुपये कमा रही हैं और आर्थिक रूप से मजबूत बन तेजी से आगे बढ़ रही है. स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सरकार से मदद मिलने के बाद इन दिनों अच्छा मुनाफा कमा रही है. अंजना समूह में करीब 10 महिलाएं पापड़ और चिप्स तैयार करती है. मार्केट मे चिप्स और पापड़ अच्छे रेट मे बिक जाते हैं, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है.परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते कुछ महिलाओं ने अपना एक समूह बनाया और उसे अंजना समूह का नाम दिया. डूडा अधिकारियो से सम्पर्क करने के बाद उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान हुई. जिसके बाद महिलाओ ने पापड़ और चिप्स बनाने का विचार आया और मार्किट से आलू लाकर बड़ी मात्रा में चिप्स और पापड़ तैयार कर रही है. पापड़ और चिप्स मार्किट मे अच्छे दाम पर बिक जाती है. जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और सरकार की योजना का लाभ उठा रही हैं.
महिलाएं लिख रही हैं कामयाबी की इबारत
अंजना समहू की सदस्य जीनत ने बताया कि आपस में महिलाएं बैठकर बात करती थी. तभी कुछ कमाने का सोचा और 10 महिलाओं का एक ग्रुप तैयार हुआ. डूडा विभाग के अधिकारियों से बातचीत के बाद सरकार से सहायता प्राप्त हुई. अब ग्रुप की 10 महिलाए मंडी से आलू खरीद कर लाती है और चिप्स व पापड़ तैयार करती है.
महिलाएं पेश कर रही मिसाल
माल तैयार होने के बाद दिल्ली, मेरठ, बागपत में माल अच्छे रेट पर बिक जाता है. जिससे यह समूह सालाना 5 लाख रूपये का मुनाफा कमा रहा है. सरकार की योजनाओं का भरपूर लाभ उठा रहा है और यह समूह अन्य महिलाओ को आत्मनिर्भर करने के लिए जागरूक कर रहा है. मार्किट में चिप्स के एक पैकेट की कीमत 10 से 20 रूपये होती है.जिसे इस समूह को मुनाफा अच्छा मिल रहा है.