भारत से रखना चाहते थे अच्छे संबंध-पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ
1993 और 1999 में मुझे क्यों (सरकार से) अपदस्थ कर दिया गया था
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि कारगिल प्लान का विरोध करने पर उन्हें जनरल परवेज मुशर्रफ ने 1999 में सरकार से निकाल दिया गया था. शरीफ ने यह भी कहा कि उनका मानना था कि भारत के साथ अच्छे संबंध रखना महत्वपूर्ण है.न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, नवाज शरीफ ने लाहौर में आगामी चुनाव के लिए अपनी पार्टी के टिकट के दावेदारों से बात करते हुए कहा, ”मुझे बताया जाना चाहिए कि 1993 और 1999 में मुझे क्यों (सरकार से) अपदस्थ कर दिया गया था. जब मैंने कारगिल प्लान का यह कहते हुए विरोध किया कि ऐसा नहीं होना चाहिए… तो मुझे (जनरल परवेज मुशर्रफ ने) बाहर कर दिया था और बाद में मैंने जो कहा था वो सही साबित हुआ.”पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के सर्वोच्च नेता नवाज शरीफ ने कहा कि उसे हटा दिया गया और वह नहीं जानता कि क्यों. उन्होंने कहा, ”मैं जानना चाहता हूं कि हर बार मुझे क्यों बाहर कर दिया गया.” इसी के साथ उन्होंने कहा, ”हमने हर मोर्चे पर अच्छा प्रदर्शन किया है. प्रधानमंत्री के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान दो भारतीय प्रधानमंत्रियों ने पाकिस्तान की यात्रा की. मोदी साहब और वाजपेयी साहब लाहौर आए थे.”
पड़ोसी देशों से बेहतर रिश्ते रखने की बात पर जोर देते हुए नवाज शरीफ ने कहा है कि पाकिस्तान को भारत समेत अफगानिस्तान और ईरान से संबंध सुधारने की जरूरत है. साथ ही कहा, ”हमें चीन के साथ और ज्यादा मजबूत संबंध बनाने होंगे.”पूर्व पीएम ने अफसोस जताया कि पाकिस्तान आर्थिक वृद्धि के मामले में अपने पड़ोंसियों से पिछड़ गया है. उन्होंने कहा कि (2018 से 2022 के बीच) इमरान खान की सरकार अर्थव्यवस्था में गिरावट देखी गई. फिर शहबाज शरीफ सरकार ने अप्रैल 2022 में सत्ता संभाली और देश को डिफॉल्ट से बचाया.”नवाज शरीफ ने 2017 में उनका सरकार को हटाकर पाकिस्तान को बर्बाद करने लिए पूर्व सैन्य जनरलों और जजों को जवाबदेही की मांग करते हुए कहा, ”जो लोग देश को इस स्तर पर लाए, उन्हें जवाबदेह बनाया जाना चाहिए क्योंकि देशभक्त लोग अपने देश के साथ ऐसा नहीं कर सकते. हम लक्जरी कारों में घूमने के लिए सरकार में नहीं आना चाहते हैं लेकिन उन लोगों की जवाबदेही चाहते हैं जिन्होंने देश का बर्बाद किया और हमारे खिलाफ झूठे मामले बनाए.”