ईरान ने इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए काम करने वाले एक एजेंट को दी फांसी
देश में हुए हिजाब विरोधी आंदोलन को लेकर ईरान आरोप लगाता रहा कि आंदोलन के पीछे अमेरिका और इजरायल जैसे विरोधी देशों का हाथ
ईरान में इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए काम करने वाले एक एजेंट को फांसी की सजा दी गई. इस बात की जानकारी ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने दी है. एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, एजेंट को फांसी ईरान के दक्षिणपूर्वी सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में दी गई.रिपोर्ट के अनुसार, जिस एजेंट को फांसी दी गई, उसके बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है. हालांकि उस पर आरोप था कि वह मोसाद सहित विदेशी सेवाओं के साथ लगातार संपर्क में था. ऐसे में वह ईरान के अंदर की गोपनीय और संवेदनशील जानकारी इकठ्ठा करके बाहर पहुंचाया करता था. रिपोर्ट के अनुसार, जांच के दौरान इस व्यक्ति के पास से मोसाद सहित विदेशी सेवाओं के दस्तावेज मिले थे.एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि कथित जासूस के पास हथियार थे और उन्हें क्रिप्टोकरेंसी के रूप में मोसाद से इसका मेहनताना मिलता था. गौरतलब है कि इससे पहले देश में हुए हिजाब विरोधी आंदोलन को लेकर ईरान आरोप लगाता रहा कि आंदोलन के पीछे अमेरिका और इजरायल जैसे विरोधी देशों का हाथ है. ऐसे में ईरान ने संदिग्धों के खिलाफ पिछले साल से कार्रवाई तेज कर दी है.
इससे एक साल पहले भी ईरान में इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए काम करने के आरोप में चार लोगों को फांसी दी थी. उन पर भी कथित तौर पर जासूसी का आरोप सिद्ध हुआ था. तब ईरान ने इजरायल और पश्चिमी खुफिया एजेंसियों पर गृह युद्ध की साजिश रचने का आरोप लगाया था.ईरान के लिए फांसी की सजा कोई नई बात नहीं है. यहां नाबालिगों को भी मौत की सजा दी जाती है. खास बात यह भी है कि किसी भी अन्य देश की तुलना में ईरान में अधिक नाबालिगों को फांसी की सजा दी जाती है. एक आंकड़े के अनुसार, 2010 से अब तक ईरान में कम से कम 68 नाबालिगों को फांसी दी गई है.