अलीगढ़ के चिलकोरा गांव में भूमाफियाओं द्वारा बनाए गए अवैध प्लाटों पर कार्रवाई की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन सुनील ने दिया शिकायती प्रार्थना पत्र
मुख्यमंत्री सहित जिलाधिकारी वी अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को दिया गया शिकायती प्रार्थना पत्र
अलीगढ विकास प्राधिकरण द्वारा दलित किसानों की पट्टे जमीन खेती के लिये पर ने प्रशासन की मिलीभगत से अवैध कॉलोनी कानिर्माण जिला अलीगढ की तहसील कोल के ग्राम चिलकौरा में गाटा सं० 102 में भू.माफियाओं द्वारा बनाये गये अवैध फ्लैटों पर कार्यवाही और अवैध कॉलोनी अन्नापुरम पर कार्यवाही के सम्बन्ध में।उपरोक्त के सम्बन्ध में अवगत कराना है कि दिनांक 09.10.2023 को श्रीमान उपजिलाधिकारी महोदय के द्वारा कार्यवाही कर मानचित्र संख्या 218.15;2013.14.से दिनांक 01.7.2014 क्षेत्रफल 1128.71 वर्गमी0 में कुल 12 भूखण्ड स्वीकृत है के सामने जो रास्ता और गेट अस्थायी दीवार लगा रखी थी और मानचित्र व अमतसपदम . 740.15 ’ ;2011 . 12. से दिनांक 04.02.2012 क्षेत्रफल 2921.72 व०मी० में कुल 34 भूखण्ड स्वीकृत है उनके मध्य जो रास्ता के सामने दीवार द कॉलोनी के गेट को तुड़वा दिया गया और श्रीमान उपजिलाधिकारी महोदय ने भूखण्डों के मध्य सरकारी जमीन चिन्हित की ग्रामीणों ने कहा कि ये भूखण्ड बनें है अवैध है तब उन्होंने बताया कि ये अलीगढ़ विकास प्राधिकरण अलीगढ़ का नक्शा पास है इसमें अलीगढ़ विकास प्राधिकरण अलीगढ़ ही कार्यवाही करेगा। उपरोक्त के सम्बन्ध में अलीगढ विकास प्राधिकरण अलीगढ़ के कार्यालय में लिखित शिकायत व आई०जी०आर०एस० के माध्यम से कई बार शिकायत की गई अब तक कोई कार्यवाही नही की गई बस टालमटोल कर आई०जी०आर०एस० का निस्तारण कर मुख्यमंत्री के पोर्टल पर कागज अपलोड कर देते हैं सभी रिपोर्ट संलग्न है।
उपरोक्त क्रेतागण लक्ष्य वार्णेय व मनीष गुप्ता ने अनुसूचित जाति जाटव महिलाओ ;आवंटियाद्ध से भूमि को जो कि खेती के लिये मिली थी. जिलाधिकारी महोदय की अनुमति लिये बगैर दिनांक 26.03.2010 को क्रय किया गया जो कि राजस्व संहिता के अनुसार स्वतः ही बैनामा दिनांक से ही राज्य सरकार . ग्राम सभा हो जाती है.ग्राम सभा भूमि को गम्भीर क्षति पहुंचाने की नियत से आपस में षडयन्त्र रचकर उक्त दस्तावेज बैनामा दिनांक.26.03.2010 माननीय सिविल जज महोदय क०प्र० अलीगढ के न्यायालय से दिनांक 27.11.2011 को शून्य व अवैध घोषित करा लिया गया तद्रपरान्त माननीय श्रीमान उपजिलाधिकारी न्यायालय से असल तथ्यों को छिपाकर दिनांक.12.08.2011 को वाद सं0.154.2011. 155.2011 व 156.2011 प्रस्तुत कर श्रीमान उपजिलाधिकारी न्यायालय में भूमि को दिनांक 30.11.2011 को अकृषक घोषित कर लिया गया। उपरोक्त में अवगत कराना है कि प्रशासन के अलग.अलग विभाग तहसील व अलीगढ विकास प्राधिकरण द्वारा दलित किसानों को पट्टे की जमीन खेती के लिये सरकार द्वारा दी गई थी जिसको भूमाफियाओं ने प्रशासन की मिलीभगत से अवैध कॉलोनी निर्माण कर ली है।अतः श्रीमान जी से प्रार्थना है कि 09.10.2023 की अधूरी कार्यवाही जो वर्तमान उपजिलाधिकारी महोदय द्वारा की गई थी और कहा गया था कि बाकी कार्यवाही अलीगढ विकास प्राधिकरण करेगा उसको पूर्ण किया जाये और राज्य सरकार की जमीन को खतौनी में अंकित किया जाय अवैध भूखण्डों पर योगी सरकार का बुल्डोजर की कार्यवाही हो और मौके पर खाली कराई सरकारी जमीन