धार्मिक

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर गीता जयंती मनाई जाती है। 22 दिसंबर को गीता जयंती है

गीता जयंती पर पढ़ें गीता के ये उपदेश, हर कदम पर मिलेगी कामयाबी

इस साल 22 दिसंबर 2023 को गीता जयंती है। पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी पर गीता जयंती मनाई जाती है। इसी दिन महाभारत काल में कुरुक्षेत्र के मैदान में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण द्वारा जो उपदेश दिए गए उसे गीता कहा जाता है। गीता के उपदेश में जीवन जीने, धर्म का अनुसरण करने और कर्म के महत्व को समझाया गया है। कहते हैं श्रीकृष्ण के उपदेश से ही अर्जुन के लिए महाभारत का युद्ध जीतना संभव हो सका। गीता के उपदेश हमेशा-हमेशा के लिए प्रासंगिक हैं। इन उपदेशों के जरिए आप भी कठिन परिस्थितियों को मात देकर विजय प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे में गीता जयंती के पावन अवसर पर यहां गीता के कुछ उपदेश दिए जा रहे हैं, जहां से आप डाउनलोड करके अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भेज सकते हैं।

क्रोध पर नियंत्रण 
भगवान श्रीकृष्ण गीता का उपदेश देते हुए अर्जुन से कहते हैं कि क्रोध क से सभी तरह के कार्य बिगड़ने लगते हैं। क्रोध करने से इंसान का पतन आरंभ हो जाता है। साथ ही व्यक्ति अच्छे और बुरे परिणाम में फर्क करना भूल जाता है और वह पतन के राह पर चल देता है। इसलिए क्रोध करने से बचना चाहिए। व्यर्थ की चिंता से बचें
श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि कभी भी व्यक्ति को व्यर्थ की चिंता नहीं करनी चाहिए। हर किसी को एक न एक दिन मरना है, आत्मा न तो पैदा होती है और न ही ये मरती है। आत्मा अमर है, इसलिए व्यर्थ की चिंता को छोड़कर कर्म के रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए।

मन पर रखें काबू
प्रत्येक व्यक्ति को अपने मन पर नियंत्रण रखना चाहिए। गीता के उपदेश में श्री कृष्ण ने बताया है कि जो व्यक्ति अपने मन पर काबू करना सीख लेता है, वह हर तरह की बाधा को आसानी से पार कर सकता है। इसलिए व्यक्ति को हमेशा अपने मन पर नियंत्रण रखना चाहिए।

फल की इच्छा छोड़ कर्म पर ध्यान देना 
श्रीकृष्ण कहते हैं कि मनुष्य को फल की इच्छा छोड़कर कर्म पर ध्यान देना चाहिए। मनुष्य जैसा कर्म करता है, उसे फल भी उसी के अनुरूप मिलता है, इसलिए अच्छे कर्म करते रहें।

JNS News 24

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!