बेल्ट का वोटर राष्ट्रवाद, हिंदुत्व और पीएम मोदी के नाम पर वोट कर रहा है?
इन मुद्दों पर देश उत्तर और दक्षिण में बंट गया है
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव थे जिन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा था. सेमीफाइनल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 3-2 की स्कोरलाइ के साथ विजयी रही. जिन तीन राज्यों में बीजेपी जीती, वह तीनों ही लोकसभा चुनाव के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हिंदी पट्टी यानी उत्तर भारत के हैं. ऐसा माना जा रहा था कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस आसानी से जीत जाएगी लेकिन सभी पूर्वनुमानों को ध्वस्त करते हुए बीजेपी ने तीन राज्यों में ऐतिहासिक जीत हासिल कर ली. ये राज्य हैं राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़. तेलंगाना में कांग्रेस को जीत मिली जो दक्षिण भारत का राज्य है. पूर्वोत्तर के राज्य मिजोरम में जीत नई-नवेली पार्टी जोराम पीपुल्स मूवमेंट के हिस्से आई
राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी विपक्ष में थी. मध्य प्रदेश में पार्टी की सरकार थी और शिवराज सिंह चौहान जैसा कद्दावर और लोकप्रिय नेता मुख्यमंत्री था फिर भी बीजेपी ने इन चुनावों में सीएम का चेहरा घोषित करने से परहेज किया. बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव लड़ी और जीती. ऐसे में ये बहस भी छिड़ गई है कि क्या हिन्दी बेल्ट में वोटर राष्ट्रवाद, हिन्दुत्व और पीएम मोदी के नाम पर वोट दे रहा है? महंगाई, बेरोजगारी समेत बाकी मुद्दे हिंदी बेल्ट में इनके सामने बेकार हो चुके हैं? सवाल ये भी उठ रहे हैं कि कि यही जादू दक्षिण के राज्यों में क्यों नही चल पा रहा है? बीजेपी को पहले दक्षिण के दुर्ग कर्नाटक में करारी शिकस्त मिली और फिर तेलंगाना में ओबीसी सीएम का दांव भी कमल नहीं खिला सका. ऐसा तब है जब इन राज्यों में हिंदू आबादी करीब 80 फीसदी से भी भी ज्यादा है.