देश में कोरोना का ग्राफ एक बार फिर से बढ़ने लगा है.
पिछले 24 घंटों में कोरोना के 328 नए केस दर्ज किए गए हैं.
देश में कोरोना का ग्राफ एक बार फिर से बढ़ने लगा है. हर दिन कोरोना के नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं. वहीं कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 ने लोगों की चिंता को और ज्यादा बढ़ा दिया है. कोरोना और इसके नए वैरिएंट के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए फिर से मास्क पहनने की सलाह दी गई है. भारत सरकार से लेकर कई राज्य सरकारें भी इसके लिए गाइड लाइन जारी कर चुकी हैं.वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 24 घंटों में कोरोना के 328 नए केस दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा पिछले 24 घंटों में कोरोना के कारण एक मौत का मामला भी सामने आया है. कोरोना के नए मामलों के साथ देश में कोरोना के कुल एक्टिव मामले 2,997 हो चुके हैं. सबसे ज्यादा मामले केरल राज्य में दर्ज किए हैं. केरल में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 265 है. बता दें कि कोरोना के चलते केरल में हाल ही में तीन मौतें भी हो चुकी हैं.
सब वैरिएंट ने बढ़ाई और भी चिंता
कोरोना के साथ-साथ इसके नए सब वैरिएंट JN.1 ने भी सरकार से लेकर आम लोगों तक की चिंता को बढ़ा दिया है. भारत में कोरोना के नए सब वैरिएंट का भी पहला मरीज केरल में ही सामने आया था. इसके बाद देश के अन्य राज्यों में भी इसके मामले सामने आए हैं. कोरोना का ये नया स्वरूप भारत, अमेरिका, चीन, नीदरलैंड, ब्रिटेन समेत 40 देशों तक पहुंच चुका है. भारत में इसके करीब 21 मामले सामने आ चुके हैं और ये लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. WHO ने इसके तेजी से बढ़ते प्रसार को देखते हुए, JN.1 को ‘वैरिएंट ऑफ़ इंटरेस्ट’ (VOI) के रूप में वर्गीकृत किया है. कोरोना और इसके नए वैरिएंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्क्रीनिंग और निगरानी करने की एडवाइजरी जारी की है.
वायरल फ्लू जैसे Corona JN.1 के लक्षण
- बुखार
- थकान
- नाक बहना
- गले में खराश
- सिरदर्द
- खांसी
- कंजेशन
- पेट दर्द
- उल्टी और दस्त
- मसल्स वीकनेस
कैसे पहचानें वायरल फ्लू और कोरोना-JN.1 का फर्क
सर गंगाराम अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सोनिया रावत का कहना है कि वायरल फ्लू और कोरोना के नए वैरिएंट के लक्षण काफी मिलते हैं, ऐसे में फर्क कर पाना वैसे तो बहुत मुश्किल है. लेकिन अगर आपको वायरल के लक्षणों के साथ जी मिचलाने की समस्या हो और भूख बिल्कुल न लगे तो ये JN.1 का स्ट्रॉन्ग इंडिकेशन है. अगर इस तरह के लक्षण 4 से 5 दिनों तक बने रहते हैं, तो आपको जरा भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए और विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए.