लाइफस्टाइल

बच्चे का हद से ज्यादा बढ़ गया है वजन तो इन क्रोनिक बीमारी का है खतरा,

बच्चों में अगर मोटापा हद से ज्यादा बढ़ जाए

बच्चे हो या बड़े जैसा कि पता है कि मोटापा कई बीमारियों का कारण होता है. खासकर बच्चों में अगर मोटापा हद से ज्यादा बढ़ जाए तो आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा. बच्चों में मोटापा मेटाबोलिक डिसऑर्डर अनुवांशिक जीन के कारण बढ़ता है. कुछ बच्चों में मोटापा बढ़ने के कारण वातावरण और गलत खानपान और खराब लाइफस्टाइल होताी है.

मेटाबोलिक सिंड्रोम क्या है?

मेटाबोलिक सिंड्रोम कई सारी क्रोनिक बीमारियों का एक ग्रुप है. जिसमें 10 साल से कम उम्र वाले बच्चों को दिल की बीमारी, टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है. मेटाबोलिक सिंड्रोम में बच्चे के पेट के नीचले हिस्से में बहुत ज्यादा चर्बी, हाई बीपी, हाई ट्राईग्लिसराइड, लो एचडीएल कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड शुगर की बीमारी हो सकती है.

इंसुलिन रेसिस्टेंस

इस सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों के प्रमुख लक्षण होते हैं मोटापा या ओवरवेट होना. बहुत ज्यादा वजन बढ़ने के कारण इंसुलिन रेसिस्टेंस हो जाता है. इंसुलिन ग्लूकोज को शरीर के सेल्स में जाने में मदद करता है. जब शरीर इंसुलिन को ठीक से प्रतिक्रिया नहीं दे पाता तो इंसुलिन रेसिस्टेंस हो जाता है.

मेटाबोलिक सिंड्रोम के लक्षण

इस सिंड्रोम से पीड़ित बच्‍चों में मोटापा, पेट पर चर्बी, एकेंथोसिस निग्रिकेंस. जिसमें स्किन फोल्‍ड का रंग गहरा हो जाता है,जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इस सिंड्रोम और मोटापे के कारण बच्‍चे को फैटी लिवर, पीसीओएस और ऑब्‍स्‍ट्रक्टिव स्‍लीप एप्निया भी हो सकता है.

लाइफस्टाइल और खानपान में करें कुछ खास बदलाव

लाइफस्टाइल में कुछ खास बदलाव करके मेटाबोलिक सिंड्रोम की बीमारी का इलाज किया जा सकता है. वजन कम करके बीपी, ब्लड शुगर और लिपिड कंट्रोल किया जा सकता है. बढ़ते हुए बच्चों में मोटापा को कंट्रोल करना चाहिए. डॉक्टर या डाइटिशियन की मदद से मोटापा को कंट्रोल में किया जा सकता है. जैसे- आप बच्चे को बाहर का खाना, जंक फूड, शुगर वाली ड्रिंक न खाने पीने दें. खाने में उन्हें ज्यादा से ज्यादा सब्जियां, फल और साबुत अनाज खिलाएं. बच्चे का स्क्रीन टाइम एकदम कम कर दें. और ज्यादा से ज्यादा फिजिकली एक्टिव रखें. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक इस सिंड्रोम का सही इलाज करना है तो बिहेवरियल इंटरवेंशन, सही पोषण और फिजिकल एक्टिविटी बच्चे को ज्यादा से ज्यादा करवाना होगा.

JNS News 24

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!