2 लाख 34 हजार हेक्टेयर में गन्ने की खेती की गई है
गन्ना किसान पर्ची न मिलने से परेशान हैं। पैसे की जरूरत को देखते हुए वह गुड़ बेलों पर कम रेट में अपना गन्ना बेचने को मजबूर हैं।
महराजनगर/सीतापुर। गन्ना किसान पर्ची न मिलने से परेशान हैं। पैसे की जरूरत को देखते हुए वह गुड़ बेलों पर कम रेट में अपना गन्ना बेचने को मजबूर हैं। क्षेत्र में गन्ना माफिया भी सक्रिय हैं, जो किसानों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनका गन्ना औने-पौने दाम में खरीद रहे हैं।जिले में इस बार 2 लाख 34 हजार हेक्टेयर में गन्ने की खेती की गई है। गन्ना प्रमुख नगदी फसल है। किसानों को उम्मीद थी कि गन्ना समय से बिक गया तो उनकी कुछ पारिवारिक जरूरतें पूरी हो जाएंगी।
खेत खाली कर गेहूं की बोआई कर लेंगे, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। चीनी मिलों में पेराई शुरू हुए एक माह से अधिक समय हो गया है, लेकिन अभी तक किसी किसान को एक तो किसी को अभी तक एक भी गन्ने की पर्ची नहीं मिल सकी है।सलेमपुर मजरा मजलिसपुर निवासी किसान रामदास ने बताया कि चार बीघा में गन्ना बोआ। सर्वे के बाद भी कैलेंडर में एक भी पर्ची शो नहीं कर रही है। अब गन्ना कम कीमत पर गुड़ बेल अथवा बिचौलियों के हाथ बेचना पड़ेगा। महाराजनगर निवासी किसान संजय पांडेय ने बताया कि 25 बीघा गन्ना खेत में तैयार खड़ा है। सिर्फ एक पर्ची मिली है। पिछले एक माह से पर्ची नहीं मिल रही। गेहूं की बोआई के लिए खेत खाली नहीं कर पा रहे हैं।
किसान रामनाथ ने बताया कि 20 बीघा गन्ना खेत में तैयार है। सोचा था, कि गन्ना बेचकर घर में जरूरी निर्माण कार्य करा लेंगे, मगर पर्ची नहीं मिल रही हैं। अरुण कुमार को इलाज के लिए पैसों की जरूरत है। पर्ची नहीं मिलने से परेशानी बढ़ रही है। मुशीर अहमद व नसीर अहमद को अपनी मां के इलाज के लिए पैसों की जरूरत है। सोचा था, कि गन्ना बेचकर इलाज कराएंगे, अब पर्ची के बगैर गन्ना खेत में ही खड़ा है।काफी भागदौड़ के बाद भी नहीं हुआ सर्वे
लश्करपुर के मजरा गौरिया निवासी किसान रामानुज का खेत ग्राम पंचायत सरैंया कला में है। इनके खेत में पांच बीघा गन्ना लगा है। सर्वे नहीं हुआ। रामानुज बताते हैं, कि गन्ना पर्यवेक्षक इशरत अली से कई बार संपर्क किया, किसान मेले में सारे कागज उपलब्ध कराए। समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आईजीआरएस के माध्यम से शिकायत की है। विद्या देवी पत्नी स्व. लाल बिहारी के आठ बीघा गन्ने का सर्वे सारे कागज उपलब्ध कराने के बाद भी नहीं हुआ है।तत्काल कराएंगे समस्या का निदान
सर्वे के बाद जिन किसानों को पर्ची नहीं मिल रही है, उनकी समस्या का समाधान कराया जा रहा है। यदि किसी किसान को ऐसी समस्या है तो वह किसी भी कार्य दिवस में मेरे कार्यालय आकर संपर्क कर सकते हैं। समस्या का निदान कराया जाएगा।
– प्रभात कुमार सिंह, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक, बिसवां
सभी को मिल रही पर्ची
बिसवां समिति में 36,800 छोटे किसान हैं। 99.3 फीसदी को एक-एक पर्ची मुहैया करा दी गई है। जिन्हें समस्या आ रही है वह हमसे संपर्क कर सकते हैं।
– आरबी अंबेडकर, सचिव