उड़द और तुअर दाल के लिए मुक्त आयात नीति की अवधि एक साल के लिए बढ़ी
31 मार्च, 2025 तक बढ़ाने का फैसला किया है। इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।
सरकार ने उड़द और तुअर दाल की मुक्त आयात नीति की अवधि को एक वर्ष के लिए यानी 31 मार्च, 2025 तक बढ़ा दिया है। गुरुवार 28 दिसंबर को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। इससे पहले कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों- रिफाइंड सोयाबीन तेल और रिफाइंड सूरजमुखी तेल पर घटी हुई आयात शुल्क व्यवस्था को मार्च 2025 तक बढ़ाने का फैसला किया था। खाद्य तेलों के साथ ही मसूर दाल पर आयात शुल्क छूट भी 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दिया गया था। सरकार की ओर से उठाए गए इन कदमों का उद्देश्य खाद्य मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाना है।वित्त मंत्रालय की एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि घटी हुई ड्यूटी मार्च 2024 में समाप्त होने वाली थी, लेकिन अब मार्च 2025 तक जारी रहेगी। इससे पहले सरकार ने रिफाइंड सोयाबीन तेल और रिफाइंड सूरजमुखी तेल पर मूल आयात शुल्क 17.5% से घटाकर 12.5% कर दिया गया था। शुल्क में इस कटौती से इन तेलों की देश में आने की लागत कम हो जाएगी, जिससे घरेलू कीमतें कम होंगी और लोगों को राहत मिलेगी।
बता दें कि नवंबर में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 8.70 प्रतिशत हो गई, जो इससे पिछले महीने 6.61 प्रतिशत थी। कुल उपभोक्ता मूल्य बास्केट में खाद्य मुद्रास्फीति की हिस्सेदारी लगभग आधी है, जो कई परिवारों पर बोझ डाल रही है और 2024 में आम चुनावों को देखते हुए सरकार की चिंता का कारण है।सरकार ने घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों की स्थिरता को बनाए रखने के लिए, घोषणा की है कि मार्च 2025 तक तुअर और उड़द दाल के आयात पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। ये दालें मुक्त श्रेणी में आती रहेंगी, जिससे अप्रतिबंधित आयात की अनुमति मिलेगी।