उत्तरप्रदेश
2023: इस साल हादसों से हुईं सड़कें लाल, हत्याएं भी बढ़ीं;
भाजपा नेता और सीए पर बरसाईं थीं दनादन गोलियां
भाजपा नेता अनुज चौधरी हत्याकांड और दिल्ली के वरिष्ठ चार्टर्ड एकाउंटेंट श्वेताभ तिवारी की हत्या समेत कई सनसनीखेज वारदातों ने इस साल मुरादाबाद को हिलाकर रख दिया। इसके अलावा, इस साल में मुरादाबाद के भोजपुर के कारवाकू गांव में हुए दर्दनाक हादसे ने एक ही परिवार के 11 लोगों को मौत की नींद सुला दिया।साल 2023 मुरादाबाद जिले के चर्चित हत्याकांड और कई दुखद हादसों के लिए याद किया जाएगा। मझोला क्षेत्र में 24 घंटे व्यस्त रहे वाले दिल्ली रोड पर 15 फरवरी की रात मुरादाबाद समेत एनसीआर और दिल्ली के वरिष्ठ चार्टर्ड एकाउंटेंट श्वेताभ तिवारी को गोलियों से भून दिया गया तो बेहद सुरक्षित माने जाने वाली सोसायटी के अंदर ही 10 अगस्त की शाम भाजपा नेता अनुज चौधरी की हत्या कर दी गई थी।
इन हत्याकांड की गूंज लखनऊ तक पहुंची तो सीधे शासन स्तर से मॉनीटरिंग शुरू हुई। दोनों ही मामलों में भाजपा से डायरेक्ट या इन डायरेक्ट लोग जुड़े शामिल निकले। सात मई की दोपहर भगतपुर क्षेत्र में हुए दुखद हादसे ने एक ही परिवार के 11 लोगों को मौत की नींद सुला दिया था तो मुंबई से शादी समारोह में शामिल होने आ रहे परिवार की कार कुंदरकी क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। जिसमें चार लोगों को जान गंवानी पड़ी। उधर, इस साल चोर, लुटेरे, बदमाश और डकैतों से कहीं ज्यादा आर्थिक नुकसान साइबर अपराधियों ने पहुंचाया। जनवरी से अब तक 2500 से ज्यादा लोग साइबर ठगी के शिकार होकर दो करोड़ से ज्यादा गंवा चुके हैं। इन सबसे के बीच पुलिस ने गैंगस्टरों पर पिछले दस साल में सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ों की संपत्ति जब्त की।
चुनाव, पैसा और जमीन के विवाद में रची गई थी भाजपा नेता अनुज चौधरी की हत्या की साजिश
मुरादाबाद में भाजपा नेता अनुज चौधरी हत्याकांड की साजिश चुनाव, पैसा और जमीन के विवाद की रंजिश के गठजोड़ में रची गई थी। संभल के असमोली की ब्लॉक प्रमुख के पति और बेटे के अलावा दीपक हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे मोहित चौधरी के भाई से चुनाव, पूर्व ब्लॉक प्रमुख ललित कौशिक और उसके पूर्व पार्टनर कमलवीर से पैसा और बिजनौर के अफजलगढ़ निवासी सतेंद्र से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। ये सभी दुश्मन एक साथ आ गए और सुपारी देकर हत्या कराई थी।
मुरादाबाद में भाजपा नेता अनुज चौधरी हत्याकांड की साजिश चुनाव, पैसा और जमीन के विवाद की रंजिश के गठजोड़ में रची गई थी। संभल के असमोली की ब्लॉक प्रमुख के पति और बेटे के अलावा दीपक हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे मोहित चौधरी के भाई से चुनाव, पूर्व ब्लॉक प्रमुख ललित कौशिक और उसके पूर्व पार्टनर कमलवीर से पैसा और बिजनौर के अफजलगढ़ निवासी सतेंद्र से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। ये सभी दुश्मन एक साथ आ गए और सुपारी देकर हत्या कराई थी।