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कोहरे से हर साल औसतन 18 हजार मौतें

बिहार, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में ज्यादा मौतें दर्ज की गई.

उत्तर भारत में इस वक्त कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. जम्मू कश्मीर से लेकर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश तक आसमान में कोहरे की चादर बिछ गई है. सुबह या सिर्फ रात में ही नहीं बल्कि दिन में भी मौसम कोहरा छाया हुआ है.कोहरे के कारण सड़कों पर विजिबिलिटी काफी कम हो जाती है. ज्यादा घना कोहरा होने पर विजिबिलिटी जीरो भी हो जाती है. ऐसे में गाड़ी चलाते वक्त सड़क पर सब कुछ धुंधला दिखाई देता है और हादसों की संभावना बढ़ जाती है.कोहरे या धुंध के समय सड़क हादसों से मौत का खतरा बारिश के दिनों में होने वाली दुर्घटनाओं से कई गुना ज्यादा हो जाता है.सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कोहरे के कारण साल 2022 में सड़क हादसे से मौतों की संख्या में पिछले साल के मुकाबले 9 फीसदी इजाफा हुआ है.2021 में 13,372 लोगों ने कोहरे के कारण सड़क हादसे में जान गंवाई, जबकि 2022 में ये आंकड़ा बढ़कर 14,583 हो गया.हालांकि ये आंकड़ा 2018 और 2019 की तुलना में कम है. तब क्रमश: 28,026 और 33,602 लोगों की सड़क हादसे में जान चली गई थी.

सबसे ज्यादा मौत वाले राज्य
सड़क परिवहन मंत्रालय ने साल 2022 की ताजा रिपोर्ट जारी की है. कोहरे के कारण सड़क हादसे में सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में हुई. इसके बाद बिहार, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में ज्यादा मौतें दर्ज की गई.आंकड़ों की मानें तो चेन्नई ऐसा शहर है जहां कोहरे के कारण सड़क हादसे से सबसे ज्यादा मौतें (135) दर्ज की गई. जबकि दिल्ली 132 की संख्या के साथ दूसरा सबसे अधिक मौतों वाला शहर है. अमृतसर और आगरा में क्रमशः 120 और 102 मौतें दर्ज की गईं.

कैसे बनता है कोहरा?
कोहरा एक तरह का आबादी के चारों ओर एक वायुमंडल होता है. कोहरा तब बनता है जब हवा में मौजूद जलवाष्प ठंडी होकर छोटे-छोटे पानी के कणों में बदल जाती है. यह समझने के लिए, हमें पहले यह समझना होगा कि जलवाष्प क्या है. जल वाष्प, पानी के अणुओं का एक रूप है जो हवा में मिक्स होते हैं.

जब हवा गर्म होती है तो इसमें ज्यादा जल वाष्प समाहित हो सकती है. लेकिन जब हवा ठंडी होती है, तो इसमें समाहित जल वाष्प अलग होकर पानी के छोटे-छोटे कणों में बदल जाती है. जब ये पानी के कण हवा से अलग हो जाते हैं, तो हम उन्हें कोहरा के रूप में देखते हैं.

कोहरा कई तरह का हो सकता है…

  • समुद्री कोहरा: समुद्र से आने वाली हवा में मौजूद जलवाष्प अलग होकर समुद्री कोहरा बन जाती है.
  • शहरी कोहरा: शहरों में प्रदूषण के कारण हवा में मौजूद जलवाष्प अलग होकर शहरी कोहरा बन जाती है.
  • घाटी कोहरा: घाटियों में हवा का प्रवाह कम होता है, जिससे हवा का तापमान कम होता है. इससे घाटियों में कोहरा बन जाता है.

मौसम विभाग के अनुसार, कोहरा बनने के लिए सबसे अनुकूल तापमान 9 से 13 डिग्री सेल्सियस के बीच का होता है. आमतौर पर, जब जमीन पर तापमान 10 से 15 डिग्री के बीच होता है तो ऊपरी वायुमंडल में 20 डिग्री के आसपास तापमान देखने को मिलता है. इस वजह से नमी से भरी हवाएं ऊपर उठ नहीं पाती हैं.

क्या दूसरे देशों में कोहरे के कारण होते हैं इतने हादसे?
सर्दियों के मौसम में भारत की तरह दूसरे देशों में भी कोहरे की चादर बिछ जाती है लेकिन इतने हादसे नहीं होते और न ही इतनी मौतें होती हैं. दूसरे देशों में कोहरे के वक्त विजिबिलिटी बढ़ाने के लिए कई तरह के उपायों को अमल में लाया जाता है.जैसे न्यूजीलैंड में सड़कों के किनारे इमरजेंसी रोड को चौड़ा बनाया जाता है. उसकी सीलबंदी कर दी जाती है. कार ऑनर्स इलेक्ट्रॉनिक वार्निंग डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा रंबल स्ट्रिप्स और गार्ड का भी इस्तेमाल किया जाता है. भारत को भी दूसरे देशों के सफल उपायों को अपनाना चाहिए. बुनियादी ढांचे बनाने, खतरनाक स्थानों पर दिशा-निर्देश जारी करने से कोहरे के कारण होने वाले हादसों को कम किया जा सकता है. दुर्गम स्थानों पर पुलिस की तैनाती किए जाने पर भी ऐसे हादसों पर अंकुश लगाया जा सकता है.

दुनिया की सबसे ज्यादा कोहरे वाली जगह
भारत में आमतौर पर दिसंबर और जनवरी के महीने में ही कोहरा परेशान करता है लेकिन दुनिया में कुछ ऐसी भी जगह हैं जहां हर समय कोहरे का प्रकोप रहता है. उत्तरी अमेरिका में कनाडा के न्यूफाउंडलैंड द्वीप के पास एक जगह है- ग्रैंड बैंक्स.

दुनिया में सबसे ज्यादा कोहरा यहीं देखने को मिलता है. इसके अलावा चिली के अटाकामा कोस्ट, स्विट्जरलैंड के मध्यवर्ती पठार, इटली की पो वैली, अफ्रीका का नामिब रेगिस्तान, अटलांटिक कोस्ट का मिस्टेक आइलैंड में भी हर वक्त कोहरा कायम रहता है.

कोहरे के समय अपनी यात्रा को सुरक्षित कैसे बनाएं?
कोहरे के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखने और उनका पालन करने से भी हम अपनी यात्रा को सुरक्षित बना सकते हैं. यात्रा पर निकलने से पहले ये जरूर चेक कर लेना चाहिए कि विंडशील्ड और मिरर ठीक से साफ हैं या नहीं.

अगर गाड़ी के शीशे पर धुंध जमने लगी है तो एसी को 1 नंबर पर चलाकर एसी वेंट्स को ऊपर की तरफ कर दें. कार के अंदर का तापमान बाहर के टेंपरेचर के हिसाब से सेट होने पर शीशे से धुंध हट जाएगी. कोशिश करनी चाहिए सर्दियों के दौरान रात में सफर करने से परहेज करें.

कोहरे के समय सड़कों पर विजिबिलिटी कम होती है, इसलिए गाड़ी को धीरे चलाना चाहिए और हर वक्त अलर्ट रहना जरूरी है. आपकी आगे वाली गाड़ी से कम से कम 10 सेकंड दूरी होनी चाहिए, अगर ऐसा नहीं है तो अपनी गाड़ी की स्पीड कम करें. अचानक ब्रेक लगाने से बचें.

कोहरे के समय दृष्टि कम होती है, ऐसे में आवाज सुनना महत्वपूर्ण होता है. गाड़ी की हेडलाइट और फॉग लैंप ऑन रखना चाहिए ताकि दूसरे वाहन चालक आपको सही से देख सकें. सड़क हादसों से बचने के लिए सीट बेल्ट का हमेशा इस्तेमाल करना चाहिए. यह आपकी सुरक्षा में मदद कर सकता है.

अक्सर देखा जाता है रोड साइड में कुछ लोग वाहन खड़ा कर देते हैं, ऐसे में अगर आप डिवाइडर के सहारे ही गाड़ी चलाने या व्हाइट पट्टी को ध्यान में रखकर गाड़ी चलाएंगे तो एक्सीडेंट की संभावनाएं कम होती है. लेकिन ध्यान रहे आपकी गाड़ी की स्पीड कम होनी चाहिए.

 

JNS News 24

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