भारतीय छात्र अगर कनाडा जाना बंद कर देंगे तो सैकड़ों निजी कॉलेज बंद हो सकते हैं
वॉलमार्ट, टिम हॉर्टन्स और अमेजन को कम वेतन वाले कर्मचारी ढूंढने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा.
भारत-कनाडा संबंधों में पिछले सालों में कई उतार-चढ़ाव देखे गए हैं, जैसे 1974 और 1998 के परमाणु परीक्षणों के बाद भारत पर कनाडा ने बैन लगाना और जून 1985 में एयर इंडिया कनिष्क पर बमबारी ने भी रिश्ते बिगाड़े. वहीं हाल में जून के महीने में सरे गुरुद्वारे के बाहर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के रिश्ते मे एक नया भूचाल आ गया.भारत और कनाडा के बीच पैदा हुए संकट के बावजूद कनाडा को वो मिल रहा है, जो वो भारत से हजारों नए अप्रवासियों और छात्रों से चाहता है. कनाडा के लिए भारत के साथ व्यापार कोई बड़ी बात नहीं है. नए भारतीय अप्रवासी और छात्र कनाडा में अरबों डॉलर लाते हैं. भारतीय छात्र सैकड़ों निजी कॉलेजों को चलाते हैं और वॉलमार्ट, टिम हॉर्टन्स, अमेजन और सुरक्षा कंपनियों को कम वेतन में काम करने वाले मिल जाते हैं. आज कनाडा में इन कंपनियों के अधिकांश फ्रंटलाइन कर्मचारी भारतीय छात्र हैं.
भारत को उठाने पड़ेंगे बड़े कदम
भारतीय छात्र अगर कनाडा जाना बंद कर देंगे तो सैकड़ों निजी कॉलेज बंद हो सकते हैं. वॉलमार्ट, टिम हॉर्टन्स और अमेजन को कम वेतन वाले कर्मचारी ढूंढने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा. हालांकि, हैरानी की बात ये है कि इन सब के बीच भारतीय छात्रों के लिए कनाडा एजुकेशन वीजा में जारी करने में और तेजी ला रहा है. वहीं, जब तक भारत नए तरीके का इस्तेमाल करके वहां तक नहीं पहुंच जाता, जहां वो कनाडा को चोट पहुंचा सके तब तक कनाडा नरम नहीं पड़ेगा और भारत विरोधी तत्वों पर लगाम नहीं लगाएगा.
जस्टिन ट्रूडो का भारत पर आरोप
आज से 2 महीना पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 सितंबर को हाउस ऑफ कॉमन्स में आरोप लगाया कि निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार के एजेंट थे. जैसे ही पीएम ने ये आरोप लगाए कनाडा ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर चल रही व्यापार वार्ता को सस्पेंड कर दिया, भारतीय राजनयिक पवन कुमार राय को निष्कासित कर दिया और भारत से निज्जर मामले में जांच में मदद करने को कहा.हालांकि, भारत ने आरोपों से इनकार किया और 41 राजनयिकों को निष्कासित करके और कनाडा में वीज़ा सेवाओं को रोककर जवाबी कार्रवाई की. तब से पीएम ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारत की कथित भूमिका पर समय-समय पर बयान देकर अपनी आक्रामकता बढ़ा दी है. जबकि, भारत ने बार-बार कहा है कि उसे कनाडा की तरफ से कोई विश्वसनीय सबूत नहीं दिया गया है.