कश्मीर में तहरीक-ए-हुर्रियत को मोदी सरकार ने किया बैन
पाकिस्तान को लगी मिर्ची, आतंक के पनाहगार
भारत सरकार ने निर्णायक कदम उठाते हुए रविवार (31 दिसंबर) को दिवंगत अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की तरफ से शुरू किए गए पाकिस्तान समर्थक समूह तहरीक-ए-हुर्रियत (TEH) को अगले पांच साल के लिए बैन कर दिया. इसकी घोषणा केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने की थी. भारत ने दलील दी कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने और भारत विरोधी दुष्प्रचार करने के चलते अलगाववादी संगठन हुर्रियत पर प्रतिबंध लगाया गया है.भारत की ओर से तहरीक-ए-हुर्रियत (TEH) को बैन लगाए जाने का बाद पाकिस्तान को मिर्ची लगी है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से एक प्रेस रिलीज जारी किया गया है. प्रेस रिलीज के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने TEH को बैन लगाने के फैसले की निंदा की है. उन्होंने कहा कि इस तरह से किसी भी पार्टी पर बैन लगाना मानवाधिकारों का उल्लंघन है. पाकिस्तान ने कहा कि भारत इस तरह के फैसले लेकर कश्मीर में इंटरनेशनल लॉ की धज्जियां उड़ा रहा है और कश्मीरी लोगों के अधिकारों को कुचलने का काम कर रहा है.
भारत के गृह मंत्री अमित शाह का बयान
भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हर व्यक्ति या संगठन के खिलाफ आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति के तहत कड़े कदम उठाए जाएंगे. शाह ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘‘तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू-कश्मीर (TEH) को गैरकानूनी गतिविधियां (UAPA) अधिनियम के तहत एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है. ये संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की निषिद्ध गतिविधियों में शामिल है.”
TEH समूह का लेखा-जोखा
पाकिस्तान समर्थक और भारत विरोधी रुख के लिए कुख्यात TEH समूह का नेतृत्व पहले गिलानी के हाथों में था. इसके बाद इसका नेतृत्व मसर्रत आलम भट के पास आ गया. भट को भारत विरोधी और पाकिस्तान के समर्थन में एजेंडा चलाने के लिए जाना जाता है. भट फिलहाल जेल में है और उसकी पार्टी ‘मुस्लिम लीग ऑफ जम्मू कश्मीर’ को भी कुछ दिन पहले प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया गया था.
गिलानी ने मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले उदारवादी हुर्रियत गुट से बाहर निकलने के बाद 2004 में TEH का गठन किया था. गिलानी के खिलाफ कई मामले दर्ज थे. गिलानी ने जमात-ए-इस्लामी से इस्तीफा दे दिया था और इस समूह का गठन किया था. हालांकि, गिलानी की सितंबर 2021 में और उनके दामाद की अक्टूबर 2022 में मौत हो गई थी.