धार्मिक

तेजी से बढ़ेगा बैंक बैलेंस, हर शुक्रवार एक बार जरूर करें इस स्रोत का पाठ,

शुक्रवार को कुछ विशेष उपाय करने से देवी लक्ष्मी को प्रसन्न किया जा सकता है।

हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है और देवी लक्ष्मी को शुक्रवार को दिन प्रिय होता है। ऐसे में शुक्रवार को कुछ विशेष उपाय करने से देवी लक्ष्मी को प्रसन्न किया जा सकता है। यदि किसी जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर है तो उसके जीवन में आर्थिक तंगी आ सकती है। ऐसे स्थिति से बचने लिए भी शुक्रवार को दिन में कभी भी एक बार शुक्र स्त्रोत का पाठ जरूर करना चाहिए। पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, पौराणिक मान्यता है कि इस स्रोत का पाठ करने से जातक को सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है और देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

।शुक्र स्तोत्र ।।

नमस्ते भार्गवश्रेष्ठ देव दानवपूजित।

वृष्टिरोधप्रकर्त्रे च वृष्टिकर्त्रे नमोनम: ।।

देवयानीपितस्तुभ्यंवेदवेदाडगपारग:।

परेण तपसा शुद्धशडकरोलोकशडकरम।।

प्राप्तोविद्यां जीवनख्यां तस्मै शुक्रात्मने नम:।

नमस्तस्मै भगवते भृगुपुत्रायवेधसे।।

तारामण्डलमध्यस्थ स्वभासा भासिताम्बर।

यस्योदये जगत्सर्वमङ्गलार्ह भवेदिह ।।

अस्तं यातेहरिष्टंस्यात्तस्मैमंगलरुपिणे।

त्रिपुरावासिनो देत्यान शिवबाणप्रपीडितान्।।

विद्या जीवयच्छुको नमस्ते भृगुनन्दन।

ययातिगुरवे तुभ्यं नमस्ते कविनन्दन।।

वलिराज्यप्रदोजीवस्तस्मै जीवात्मने नम:।

भार्गवाय नम: तुभ्यं पूर्व गौर्वाणवन्दित।।

जीवपुत्राय यो विद्यां प्रादात्तस्मै नमोनम:।

नम: शुक्राय काव्याय भृगुपुत्राय धीमहि।।

नम: कारणरूपाय नमस्ते कारणात्मने।

स्तवराजमिदं पुण्यं भार्गवस्य महात्मन:।।

य: पठेच्छ्रणुयाद्वापि लभतेवास्छितं फलम्।

पुत्रकामो लभेत्पुत्रान श्रीकामो लभेत श्रियम् ।।

राज्यकामो लभेद्राज्यं स्त्रीकाम: स्त्रियमुत्तमाम्।

भृगुवारे प्रयत्नेन पठितव्यं समाहिते ।।

अन्यवारे तु होरायां पूजयेदभृगुनन्दनम्।

रोगार्तो मुच्यते रोगाद्रयार्तो मुच्यते भयात् ।।

यद्यात्प्रार्थयते वस्तु तत्तत्प्राप्नोति सर्वदा।

प्रात: काले प्रकर्तव्या भृगुपूजा प्रयत्नत: ।।

सर्वपापविनिर्मुक्त प्राप्नुयाच्छिवसन्निधौ ।।

शुक्र गायत्री मंत्र

ॐ भृगुराजाय विद्महे दिव्य देहाय धीमहि तन्नो शुक्र प्रचोदयात् ।।

शुक्र तांत्रिक मंत्र

 

ऊँ ह्रीं श्रीं शुक्राय नम:

ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:

ऊँ वस्त्रं मे देहि शुक्राय स्वाहाशुक्र एकाक्षरी बीज मंत्र ||

 

शुक्र पौराणिक मंत्र

 

ऊँ हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम

सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम ।।

JNS News 24

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!