आगरा के रुनकता क्षेत्र के गांव सिंगना में लोग भगवान राम को मामा कह कर बुलाते हैं
श्रृंगी ऋषि ने राजा दशरथ के बुलावे पर पुत्र कामेष्टि यज्ञ किया था.
आगरा के रुनकता क्षेत्र के गांव सिंगना में श्रृंगी ऋषि का आश्रम है जहां भगवान श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratishtha) उत्सव की तैयारी है. श्रृंगी ऋषि ने राजा दशरथ के बुलावे पर अयोध्या जाकर पुत्र कामेष्टि यज्ञ किया था. इस गांव के लोग भगवान राम को मामा कहकर बुलाते है. भगवान राम को मामा कहने का कारण है कि राजा दशरथ की पुत्री यानी भगवान की बहन सांता कुमारी का विवाह ऋषि श्रृंगी के साथ हुआ था. सिंगना गांव के यमुना किनारे पर श्रृंगी ऋषि का आश्रम बना हुआ है. जहां लोग अपनी मनोकामना पूर्ण करते है. मान्यता है कि जो पुत्र प्राप्ति की कामना लेकर श्रृंगी ऋषि के आश्रम आता है उसकी मनोकामना पूर्ण होती है. स्थानीय लोगो में आश्रम को लेकर बड़ी आस्था है. श्रृंगी ऋषि ने राजा दशरथ के बुलावे पर अयोध्या जाकर पुत्र कामेष्टि यज्ञ किया था तब जाकर राम लक्षण भरत शत्रुंघ का जन्म हुआ था.भगवान राम को मामा कहने वाले लोग 22 जनवरी को भजन कीर्तन , हवन , भंडारा कर दीप जलाकर उत्सव मनाएंगे
भगवान राम को कहते हैं मामा
श्रृंगी ऋषि आश्रम के महंत निर्णय दास ने बताया कि यह आश्रम श्रृंगी ऋषि की तपोभूमि है यह वही स्थल है जहां पर श्रृंगी ऋषि ने अपनी तप साधना की थी. श्रृंगी ऋषि ने अयोध्या में जाकर पुत्र कामेष्टि यज्ञ किया था जिसके बाद राजा दशरथ को पुत्र प्राप्ति हुई थी. लोगों में श्रृंगी ऋषि की तापो भूमि को लेकर विशेष आस्था है , जो लोग पुत्र प्राप्ति की कामना लेकर आते है उनकी मनोकामना पूर्व होती है साथ ही राजा दशरथ की पुत्री सांता कुमारी का विवाह श्रृंगी ऋषि के साथ हुआ था जिस वजह से यहां के लोग भगवान राम को मामा कहते है.
पूरी होती है हर मनोकामना
वहीं स्थानीय लोगो का कहना है कि श्रृंगी ऋषि का सीधा नाता अयोध्या से है. श्रृंगी ऋषि ने यज्ञ किया था तब भगवान राम का जन्म हुआ था. हमारी बहुत आस्था है. यहां जो भी अपनी मनोकामना लेकर आता है उसकी मनोकामना पूरी होती है. भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सभी उत्साहित है हमारे गांव में भी दीप जलेंगे और दिवाली मनेगी, हमारे मामा अपने मंदिर में विराजमान होने वाले है.