मायावती के समर्थन में उतरे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य,
सरकार उनकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है
बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से अपनी जान को ख़तरा बताया है, जिसके बाद सियासत गरमा गई है, यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) अब मायावती के समर्थन में आ गए हैं. उन्होंने साफ कहा कि हमने तो पहले ही कहा था कि सपा गुंडों और माफियाओं की पार्टी है. बीजेपी (BJP) सरकार बसपा सुप्रीमो की रक्षा के लिए संकल्पित हैं. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मायावती के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मायावती जी यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री रही है और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. प्रदेश में बीजेपी की सरकार है, बहनजी समेत प्रदेश के हर नागरिक की सुरक्षा के प्रति सरकार कृत संकल्प है और उनकी सुरक्षा के खतरे को लेकर फ्लाईओवर की जो उनकी शिकायत उनकी है वो समाजवादी पार्टी की सरकार के समय बनाया गया था.
मायावती के समर्थन में आए केशव मौर्य
केशव मौर्य ने कहा, “सपा वैसे ही चाहे दलित हो, पिछड़ा हो, किसान हो गरीब हो या महिलाएं हों उनके विरोध में ही सदैव उन्होंने आचरण किया है. मायावती को तो स्टेट गेस्ट हाउस कांड में जीवित भी छोड़ने की स्थिति भी नहीं थी. बीजेपी ने उनको बचाने के लिए, हमारे नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की अगुवाई में पूरी ताकत से लोग लड़े थे और उसका परिणाम ये हुआ कि वो सुरक्षित बची.केशव मौर्य ने कहा कि मैंने आज उनका ये ट्वीट भी देखा है. साल 2019 में जब इन्होंने सपा से गठबंधन किया था, कांग्रेस और रालोद से समझौता किया था, तब भी हमने कहा था कि सपा गुंडों, माफियाओं की पार्टी है. इस पार्टी से बचकर रहें, इससे राज्य का भी भला है राष्ट्र का भी भला है. वैसे भी सपा समाप्तवादी पार्टी बनने वाली है, 2024 में यूपी की सभी 80 सीटें भाजपा गठबंधन ही जीतेगा.
जानें बसपा सुप्रीमो के आरोप दरअसल बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा पर निशाना साधते हुए उसे दलित विरोधी कहा था, उन्होंने कहा कि सपा मुखिया जिससे भी गठबंधन की बात करते हैं उनकी पहली शर्त बसपा से दूरी बनाए रखने की होती है, जिसे मीडिया द्वारा भी प्रचारित किया जाता है. बसपा सुप्रीमो ने 1995 के गेस्ट हाउस कांड की याद दिलाते हुए कहा कि उन्होंने अनेक दलित विरोधी फ़ैसले लिए हैं. जिसमें बसपा के स्टेट दफ़्तर के पास ऊंचा पुल बनाने का कृत्य भी है, जहां से अराजक तत्व पार्टी दफ़्तर या राष्ट्रीय प्रमुख को हानि पहुँचा सकते हैं.