समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को चेतावनी दी
सपा नेता पर नजर नहीं आ रहा है फिर उन्होंने अपने बयान से सियासी हलचल बढ़ा दी है.
अयोध्या (Ayodhya) में निर्माणाधीन राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह आगामी 22 जनवरी को होने वाला है. लेकिन इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) का बयान सुर्खियों में बना हुआ है. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) द्वारा नसीहत देने के बाद भी उनकी बयानबाजी जारी है. अब उन्होंने कारसेवकों पर चलवाई गई गोलियों को सही ठहराया है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘जिस समय अयोध्या में राम मंदिर पर घटना घटी थी. बिना किसी न्यायालय के आदेश और बिना किसी प्रशासनिक आदेश के बड़े पैमाने पर अराजक तत्वों ने तोड़फोड़ की थी. तब तत्कालिन सरकार ने संविधान की रक्षा के लिए, कानून की रक्षा के लिए और अमन चैन कायम रखने के लिए उस समय जो गोली चलवाई थी. वो सरकार का अपना कर्तव्य था. सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया था और एसपी सिंह बघेल भी उस वक्त सपा में थे.’
हिंदू धर्म एक धोखा- सपा नेता
दरअसल, सपा नेता ने इससे पहले कहा था, ‘हिंदू धर्म एक धोखा है. वैसे भी 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हिंदू कोई धर्म नहीं है. यह जीवन जीने की एक शैली है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी दो बार कह चुके हैं कि हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक कला है. प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा है कि हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं है.’इससे पहले भी वह हिंदू धर्म पर विवादित बयान दे चुके हैं. मां लक्ष्मी और रामचरितमानस पर दिए गए बयान को लेकर भी चर्चा में आए थे. इसपर अखिलेश यादव ने मंगलवार को प्रतिक्रिया देते हुए चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि सब ब्राह्मण स्वामी की शिकायत किए हैं. नरेश उत्तम पटेल से बोला है कि उसको मना करो अब ऐसा कुछ ना बोलो और नेताओं को भी निर्देश दो. सोशल मीडिया पर लिखना है तो तार्किक लिखो वरना मत लिखो.