22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है
देशभर के नेताओं, वीवीआईपी से लेकर कुछ चुनिंदा लोगों को न्योता भेजा रहा है.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को अयोध्या के राम मंदिर (Ram Mandir) में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha) कार्यक्रम का न्योता नहीं मिला है. आप से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी. अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. आप के सूत्रों ने बताया कि सीएम केजरीवाल को कुछ दिन पहले एक चिट्ठी मिली थी जिसमें उन्हें बताया गया था कि वह कार्यक्रम के लिए अपना समय ब्लॉक कर रखें और कुछ दिनों के बाद औपचारिक न्योता आएगा. हालांकि अभी तक कोई औपचारिक न्योता उन्हें नहीं मिला है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक विश्व हिंदू परिषद (VHP) के एक शीर्ष पदाधिकारी ने दावा किया कि कुछ दिन पहले दिल्ली के सीएम केजरीवाल को न्योता भेजा गया था. उन्होंने कहा, ”मैं यह नहीं कह सकता कि यह उन्हें व्यक्तिगत रूप से भेजा गया है या फिर पोस्ट या फिर डिजिटल रूप से लेकिन उन्हें कार्यक्रम का न्योता दिया गया है.” बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता अतिथियों को मंदिर ट्रस्ट के प्रतिनिधियों और स्वयंसेवियों द्वारा हाथों-हाथ पहुंचाया जा रहा है. इसके अलावा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कई प्रतिनिधि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य, वीएचपी और उनके सहयोगी भी न्योता पहुंचाने में सहायता कर रहे हैं.
सोनिया गांधी प्राण प्रतिष्ठा में नहीं जाएंगी इस बीच कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल नहीं होंगे, क्योंकि यह बीजेपी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) का आयोजन है और ‘अर्द्धनिर्मित मंदिर’ का उद्घाटन चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी दल का दिमाग ठीक उसी तरह खराब हो गया है जैसा कि त्रेता युग में रावण का हो गया था और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का बहिष्कार करने वालों का जनता चुनाव में बहिष्कार करेगी. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में यह भी कहा कि भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं तथा धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय है, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक ‘राजनीतिक परियोजना’ बना दिया है.