मध्य प्रदेश के इंदौर में अवैध रूप से संचालित एक बाल गृह को सील कर दिया गया. इस बाल गृह में मौजूद 25 लड़कियों को अन्य सरकारी बाल गृह में स्थानांतरित कर दिया गया है. अधिकारियों ने शनिवार (13 जनवरी) को यह जानकारी दी. जूनी इंदौर के उप मंडल अधिकारी (राजस्व) घनश्याम धनगर ने मीडिया को बताया कि यहां विजय नगर में वात्सल्यपुरम बाल आश्रम के खिलाफ मिल रही शिकायतों के बाद यह कार्रवाई की गई है.उप मंडल अधिकारी (राजस्व) घनश्याम धनगर ने कहा, “जिलाधिकारी आशीष सिंह ने मुझे इस बालगृह का निरीक्षण करने और कार्रवाई करने के लिए कहा था. यहां के निरीक्षण के दौरान हमें वहां कोई जिम्मेदार व्यक्ति नहीं मिला. जरूरी दस्तावेज के लिए एक चौकीदार से बात करनी पड़ी. वहां मौजूद एक व्यक्ति ने बताया कि बाल गृह के पास संचालन की अनुमति नहीं है.”उन्होंने कहा, “बाल गृह को शुक्रवार को सील कर दिया गया और वहां रह रहीं 25 लड़कियों को यहां के सरकारी बाल आश्रम और जीवन ज्योति बालिका गृह में स्थानांतरित कर दिया गया है. बाल गृह पर छापेमारी जिला प्रशासन, महिला एवं बाल कल्याण के साथ-साथ शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने की.”
सीएम के निर्देश के बाद हुई कार्रवाई
इस मामले में जांच को लेकर घनश्याम धनगर ने बताया कि यह पता लगाया जा रहा है कि बाल गृह का संचालन कौन कर रहा था? फिलहाल मामले में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पिछले सप्ताह सभी अधिकारियों को बिना अनुमति के चल रहे इस तरह के बाल गृह के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.
शुक्रवार (12 जनवरी) की शाम को जिला प्रशासन और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने विजय नगर क्षेत्र मौजूद एक बाल गृह का औचक निरीक्षण करने पहुंचे. निरीक्षण के दौरान पता चला कि संबंधित बाल गृह बिना अनुमति चलाया जा रहा था. इसके बाद अधिकारियों द्वारा इस बाल गृह को सील कर दिया गया. अधिकारियों ने जांच के दौरान पता चला कि इस बाल गृह में 25 लड़कियां संस्था में पंजीकृत हैं.इन सभी बच्चियों की उम्र 12 साल से कम है. इनमें से पांच लड़कियां अनाथ हैं. जांच अधिकारियों को इस बाल गृह के कोई वैधानिक दस्तावेज नहीं मिले, सुरक्षा दस्तावेजों में कई कमियां पाई गईं. मौके पर कई विश्वसनीय जिम्मेदार व्यक्ति नहीं मिला. बच्चियों को बाल गृह से हटाकर उसे सील कर दिया, शनिवार को प्रशासन ने सभी बच्चियों को सरकारी बाल गृह में भेज दिया.