भगवान राम की वन गमन या बचपन की प्रतिमाएं अधिकतर देखने को मिलती हैं,
मध्य प्रदेश के एक मंदिर में भगवान राम की उनके रामराज्य के शासन को दर्शाने वाली मूर्तियां हैं.
मध्य प्रदेश के खंडवा (Khandwa) जिले का एक गांव 22 जनवरी को अयोध्या धाम बनने जा रहा है. राव लखमे सिंह की रियासत के रूप में विख्यात भामगढ़ में 500 साल पुराना एक अनोखा मंदिर है. यहां भगवान राम-सीता और लक्ष्मण की दो-दो मूर्तियां हैं. साथ ही इस मंदिर में भगवान राम और लक्ष्मण की मूंछों वाली मूर्तियां विराजित हैं. गांव वाले कयास लगाते हैं कि शायद भगवान की दो-दो मूर्तियों और मूंछों वाली मूर्ति का यह मंदिर देश का अपनी तरह का इकलौता राम मंदिर है. समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि 22 जनवरी को भामगढ़ के इस मंदिर को अयोध्या की तरह सजाया जाएगा. खंडवा जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर स्थित भामगढ़ कई प्राचीन मान्यताओं और विशेषताओं के लिए जाना जाता है. वहीं जब अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला के विराजमान होने का समय आया, तो भामगढ़ के इस प्राचीन मंदिर की ओर भी लोगों का ध्यान गया.
यहां भगवान राम की राजा की तरह होती है पूजा
जानकार बताते हैं कि भामगढ़ के राज परिवार राव लखमे सिंह द्वारा इस प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया था. वहीं 80 साल की रुक्मणी बाई बतातीं हैं कि इस मंदिर में मूंछ वाले भगवान राम और लक्ष्मण राजा के रूप में विराजते हैं. भगवान राम की वन गमन या बचपन की प्रतिमाएं अधिकतर देखने को मिलती हैं, लेकिन भामगढ़ में भगवान राम की त्रेतायुग में उनके रामराज्य के शासन को दर्शाने वाली मूर्तियां हैं. यहां भगवान की राजा की तरह पूजा होती है और उन्हें भोग लगता है.
वहीं 85 वर्षीय उमाशंकर बड़ोले बताते हैं कि हमारी पांच पीढ़ियों के लोग बताते आए हैं कि यह मंदिर 500 साल से भी पुराना है. मंदिर में भुसकुटे शासनकाल में दो और मूर्तियां शांति, सम्पन्नता के लिए स्थापित की गई थीं, इस वजह से गांव के तीन रास्तों पर नदी होने के बावजूद कभी भी बाढ़ का पानी गांव में नहीं घुसा. राजभवन भोपाल में जनजातीय प्रकोष्ठ में पदस्थ डॉ दीपमाला रावत भी भामगढ़ के राज परिवार से ताल्लुक रखती हैं और वह भी रामलला उत्सव के लिए इस मंदिर की भाव भक्ति से जुड़ीं हैं.
इस मंदिर में 22 जनवरी को मनाया जाएगा उत्सव
डॉ दीपमाला रावत ने कहा कि यहां पर सात पीढ़ियों का इतिहास तो हम सबको पता है, मगर यह मंदिर और भी कई साल पुराना है. यहां पर भगवान की दो-दो मूर्तियों का एक अलग महत्व है और इससे लोगो की आस्था जुड़ी है. ग्राम के सरपंच वीरेंद्र सिंह रावत बताते हैं कि हमारे यहां अयोध्या से अक्षत आए थे, जो घर-घर बांटे गए हैं. सबको मंदिर में 22 जनवरी को अयोध्या धाम का उत्सव मनाने के लिए निमंत्रण दिया गया है. वीरेंद्र सिंह ने कहा यह हम सबके लिए उत्सव का दिन होगा