हनुमान को भगवान राम का सबसे बड़ा भक्त माना जाता है
हनुमान का प्रतीक स्वरूप उनके जन्मस्थली से होते हुए एक विशेष रथ अयोध्या पहुंचा है.
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या पूरी तरह से तैयार हो चुकी है. शहर को सजा दिया गया है और सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई है. प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या में दुनियाभर से उपहार पहुंच रहे हैं तो वहीं भगवान हनुमान की जन्मस्थली किष्किंधा से एक विशेष रथ अयोध्या पहुंचा है. ये रथ पूरे तीन सालों से पूरे देश में भ्रमण कर रहा है. अयोध्या आने से पहले ये विशेष रथ माता सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी से होकर आया है. इस रथ के साथ चल रहे स्वामी गोविंदानंद सरस्वती ने बताया कि जिस तरह से अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है. वैसा ही भव्य मंदिर किष्किंधा में बनाने की तैयारी हो रही है. इससे पहले भगवान राम के भक्त हनुमान के प्रतीक स्वरूप इस रथ को अयोध्या लाया गया है. इस रथ पर किष्किंधा की शिला उकेरी गई है. रथ के जरिए राम भक्ति का प्रचार किया जा रहा है. रथ को देखने के लिए लोगों की भीड़ भी इकट्ठा हुई है.
कहां है किष्किंधा? दरअसल, किष्किंधा कर्नाटक के कोप्पल विजयनगर जिले में स्थित है. यह तुंगभद्रा नदी के उत्तरी तट पर स्थित हम्पी से भी पुराना है. वर्तमान में इसे अनेगुंडी के तौर पर जाना जाता है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, किष्किंधा वानरों का साम्राज्य था. यह वह राज्य था जिस पर सुग्रीव अपने सलाहकार हनुमान की मदद से शासन करते थे. यही वजह है कि वर्तमान में कोप्पल जिले में भगवान हनुमान का भव्य मंदिर बनाने की मांग चल रही है. अनेगुंडी गांव में कई ऐसे सबूत पाए गए हैं, जो इस बात को साबित करते हैं कि ये जगह रामायण काल से जुड़ी हुई है. ये पूरा इलाका पत्थर की चट्टानों और पहाड़ों से घिरा हुआ है. रामायण में भी यहां का जिक्र है और इस स्थान के भूगोल के बारे में ठीक इसी तरह से बताया गया है. अनेगुंडी गांव में कई प्राचीन गुफाओं के मिलने की भी जानकारी है. चट्टानों और पत्थरों पर वानरों के चित्र भी मिले हैं. गुफाओं के भीतर भी हजारों साल पुराने चित्र बने हुए देखे जा सकते हैं.