देश भर में प्रॉपर्टी के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं,13 प्रमुख शहरों में बढ़े भाव
पिछले एक साल में कीमतों ने लगाई 19 फीसदी की छलांग
अपना घर या अपनी प्रॉपर्टी खरीदना हर गुजरते दिन के साथ मुश्किल होता जा रहा है. इसका कारण है कि देश भर में प्रॉपर्टी की कीमतों में तेज बढ़ोतरी देखी जा रही है. एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक साल के दौरान देश के प्रमुख शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतों में करीब 19 फीसदी की तेजी आई है.मैजिकब्रिक्स प्रॉपइंडेक्स रिपोर्ट का यह संस्करण चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर से दिसंबर 2023 तक के तीन महीनों के लिए है. रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर तिमाही के दौरान देश के 13 प्रमुख शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतों में सालाना आधार पर 18.8 फीसदी की तेजी आई है. मतलब दिसंबर 2022 तिमाही की तुलना में दिसंबर 2023 तिमाही में भाव 18.8 फीसदी बढ़े हैं. वहीं तिमाही आधार पर देखें तो प्रॉपर्टी की कीमतों में 3.97 फीसदी की तेजी आई है.
गुरुग्राम में आई सबसे ज्यादा तेजी रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर तिमाही के दौरान देश के प्रमुख शहरों में सबसे ज्यादा भाव गुरुग्राम में बढ़े हैं. साल भर में गुरुग्राम में प्रॉपर्टी की कीमतें 32.1 फीसदी बढ़ गई हैं. सालाना 31 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ ग्रेटर नोएडा दूसरे और 26.1 फीसदी की तेजी के साथ नोएडा तीसरे स्थान पर है. हैदराबाद में इस दौरान प्रॉपर्टी की कीमतों में सालाना आधार पर 15.8 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है.
भाव बढ़ने से डिमांड हुई कम
दिसंबर तिमाही के दौरान जहां कीमतों में जबरदस्त तेजी आर्इ है, उसके साथ-साथ डिमांड में तेजी नहीं आई है. रिपोर्ट के अनुसार, साल भर पहले की समान अवधि की तुलना में चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में प्रॉपर्टी की डिमांड में सिर्फ 2 फीसदी की तेजी आई है. वहीं तिमाही के आधार पर देखें तो डिमांड में भारी-भरकम गिरावट आई है. इस हिसाब से डिमांड में 16.9 फीसदी की कमी आई है.
कम हुई आवासीय संपत्तियों की आपूर्ति
मांग में गिरावट का सबसे प्रमुख कारण दाम में भारी बढ़ोतरी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरी तिमाही के दौरान प्रमुख शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें तेजी से बढ़ीं, इस कारण मांग में बड़ी गिरावट देखने को मिली. दिसंबर तिमाही में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की सप्लाई साल भर पहले की तुलना में ओवरऑल 16.9 फीसदी कम हुई. सिर्फ मुंबई और हैदरााबद में सप्लाई में तेजी दर्ज की गई. इन दो शहरों में तीसरी तिमाही के दौरान आवासीय संपत्तियों की आपूर्ति क्रमश: 4.2 फीसदी और 0.4 फीसदी बढ़ी.