यूजीसी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों से कहा है कि वह कनवोकेशन के दौरान हथकरघा
जीसी ने यूनिवर्सिटीज को लिखा पत्र
देश भर में हथकरघा उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस उद्योग से जुड़े करीगरों को सरकार की तरफ से तमाम सुविधाएं देने का कार्य किया जा रहा है. इसी क्रम में अब यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) की तरफ से विश्वविद्यालयों कहा गया है कि वह दीक्षांत समारोह जैसे विशेष मौकों पर हथकरघा कपड़ों से बने वस्त्रों का इस्तेमाल करें. यूजीसी की ओर से ये भी कहा गया है कि इस संबंध में की गई कार्रवाई को तस्वीरों और वीडियो के जरिए शेयर भी करें. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने साल 2015 व 2019 में इस संबंध में विश्वविद्यालयों को पत्र जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि हथकरघा कपड़ों से बने परिधान भारत की जलवायु में ज्यादा आरामदायक रहते हैं. साथ ही ये गर्व की भावना भी पैदा करते हैं. यूजीसी के सचिव प्रो. मनीष आर जोशी की तरफ से साझा पत्र में कहा गया है कि यूजीसी के सुझाव को अपनाते हुए कई विश्वविद्यालयों ने पहले ही अपने दीक्षांत समारोह में इसे अपना लिया है. लेकिन कुछ विश्वविद्यालयों ने अभी तक इस बात का पालन नहीं किया है.
पहले भी किया गया है आग्रह
सचिव ने पत्र में कहा है कि बाकी विश्वविद्यालय हथकरघा कपड़ों को औपचारिक पोशाक के रूप में अपनाने पर मंथन करें. हथकरघा कपड़ों के इस्तेमाल से न केवल भारतीय होने पर गर्व की भावना पैदा होगी. साथ ही देश में हथकरघा उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा. जिससे कई लोगों को रोजगार भी मिलेगा. यूजीसी की ओर से पहली बार 15 जुलाई, 2015 को विश्वविद्यालयों से हथकरघा कपड़ों पर स्विच करने का आग्रह किया गया था. इसके बाद 7 जून 2019 को एक और पत्र भेजा गया. यूजीसी ने विश्वविद्यालयों से इस संबंध में किए गए कार्यों को चित्रों और वीडियो के साथ साझा करने की मांग की है.