विदेश

अमेरिका में बजा हिंदी का डंका,

2 सरकारी स्कूलों में विश्व भाषा के रूप में होगी पेश

कैलिफोर्निया में पहली बार, सिलिकॉन वैली के दो सरकारी स्कूल अपने पाठ्यक्रम में हिंदी को विश्व भाषा के रूप में शामिल करेंगे. हिंदी भाषा को एक वैकल्पिक विषय के रूप में पेश करने के निर्णय का फ्रेमोंट में बड़े स्तर पर भारतीय अमेरिकी समुदाय ने स्वागत किया है. ये लोग अपने बच्चों को स्कूलों में हिंदी सिखाने की मांग कर रहे थे. कैलिफोर्निया के फ्रेमोंट में भारी संख्या में भारतीय अमेरिकी समुदाय के लोग निवास करते हैं.फ्रेमोंट यूनिफ़ाइड स्कूल डिस्ट्रिक्ट (FUSD) बोर्ड ने इस पायलट कार्यक्रम को शुरू करने के लिए 17 जनवरी को मतदान कराया था. हिंदी के पक्ष और विपक्ष में 4-1 के अनुपात में वोट पड़े. वोटिंग के बाद हॉर्नर मिडिल स्कूल और इरविंगटन हाई स्कूल में हिंदी भाषा को पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने का निर्णय लिया गया है. यह पाठ्यक्रम दोनों स्कूलों में अगस्त में शुरू होने वाले 2024-2025 सत्र से लागू होगा.हॉर्नर मिडिल स्कूल और इरविंगटन हाई स्कूल में 65 प्रतिशत छात्र भारतीय अमेरिकी समुदाय के पढ़ते हैं. जिले में कुल 29 प्राइमरी स्कूल, पांच मिडिल स्कूल और पांच हाई स्कूल हैं.

छात्र हित में लिया गया फैसला- FUSD बोर्ड अध्यक्ष
एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि बैठक के दौरान, एफयूएसडी बोर्ड के सदस्य- विवेक प्रसाद, शेरोन कोको, लैरी स्वीनी और बोर्ड के अध्यक्ष याजिंग झांग ने छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव के लिए मजबूत समर्थन दिखाया.बोर्ड सदस्य विवेक प्रसाद ने पायलट प्रोजेक्ट का समर्थन करते हुए कहा, “मैंने मांग को ध्यान में रखते हुए हिंदी के पक्ष में समर्थन किया है, भारतीय अमेरिकी छात्रों का इससे लाभ होगा. इसका समर्थन करना मेरे लिए बड़ी बात नहीं है.”

अन्य स्कूल भी हिंदी के लिए कर सकेंगे पेशकश- बोर्ड मेंबर
सदस्य शेरोन कोको ने कहा- “यदि यह प्रोजेक्ट सफल होता है और अन्य स्कूल हिंदी की पेशकश करना चाहते हैं, तो वे भविष्य में ऐसा करने में सक्षम होंगे. इसलिए इस समय मैं इस प्रोजेक्ट के पक्ष में हूं,” इस दौरान उन्होंने बोर्ड के छात्रों की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला. प्रस्ताव के समर्थन में ट्रस्टी लैरी स्वीनी ने कहा, “मुझे यकीन है कि यह (पायलट) सभी हाई स्कूलों और सभी मिडिल स्कूलों में जाएगा, और वे इसे अपनाएंगे.” बोर्ड के अध्यक्ष याजिंग झांग ने कहा- “हम किसकी सेवा करते हैं?” आखिर हम छात्रों के लिए ही तो काम करते हैं, यदि छात्रों की हिंदी भाषा को लेकर स्पष्ट मांग है तो छात्रों के हित में हम यह करेंगे.

JNS News 24

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