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साइनस नाक से जुड़ी ऐसी बीमारी है जो सर्दियों में काफी ज्यादा बढ़ जाती है
रोगाणुओं, बैक्टीरिया, वायरस और यीस्ट इंफेक्शन समेत 30 तरह के फंगस से शरीर को बचाता है.
साइनस नाक से जुड़ी ऐसी बीमारी है जो सर्दियों में काफी ज्यादा बढ़ जाती है. दरअसल, स्कल में छेद को साइनसिस कहा जाता है. उनमें से बीच के दो छेद नाक में नॉस्ट्रिल के तौर पर सांस लेने के काम आते हैं. लेकिन साइनसिस में यह छेद बलगम भरने की वजह से बंद हो जाते हैं. जिससे सांस लेने में परेशानी होने लगती है. इसके अलावा नाक बंद, सिरदर्द जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं. ऐसे में कुछ सावधानियां और घरेलू उपाय अपनाकर इस समस्या (Sinus) से बच सकते हैं.
1. ग्रेपफ्रूट सीड एक्स्ट्रैक्ट
सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, ग्रेपफ्रूट सीड एक्स्ट्रैक्ट एक हेल्दी और पौष्टिक फूड है. इसे ग्रेपफ्रूट के बीज से पा सकते हैं. यह रोगाणुओं, बैक्टीरिया, वायरस और यीस्ट इंफेक्शन समेत 30 तरह के फंगस से शरीर को बचाता है. साइनस इंफेक्शन में इसका नेजल स्प्रे भी लिया जा सकता है.
2. नेचुरल एंटीबैक्टेरियल फूड्स का सेवन करें
साइनस की समस्या से बचने के लिए डाइट में नेचुरल एंटीबैक्टेरियल फूड जैसे- लहसून, अदरक और शहद को शामिल करना चाहिए. इससे शरीर को इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता बढ़ती है. कुछ फूड्स एंटी फ्लेमेटेरी गुणों से भी भरपूर होते हैं. उनसे सूजन कम किया जा सकता है. इनमें बेरीज और हरी पत्तेदार सब्जियां आती हैं.
3. नेटी पॉट का इस्तेमाल
नेजल इरिटेशन से साइनस इंफेक्शन काफी बढ़ सकता है. सेलाइन वॉटर के साथ नेटी पॉट का इस्तेमाल इसे कम कर सकता है. ये क्रॉनिक साइनस से आराम दिला सकता है. इसके लिए पॉट को सेलाइन वॉटर से भरकर सिर को सिंक के ऊपर 45 डिग्री के एंगल पर झ़काकर पॉट की नली नाक में डाले और सेलाइन वॉटर को नीचे गिराएं. इसे दूसरे नोजट्रिल में भी दोहराएं.
4. भरपूर आराम करें
ज्यादातर मामलों में साइनस इंफेक्शन दो से तीन हफ्ते में खुद ही ठीक हो जाता है लेकिन इसके लिए भरपूर आराम करने की जरूरत होती है. इससे शरीर को इंफेक्शन से लड़ने के लिए पावर मिलती है और साइनस से आराम मिल सकता है.
5. ढेर साला पानी पिएं
अच्छी सेहत के लिए बॉडी को हाइड्रेट रखना चाहिए. इससे शरीर को इंफेक्शन से लड़ने में मदद मिलती है और रिकवरी जल्दी होती है. साइनस में हाइड्रेट बॉडी स्किन के स्ट्रेंथ, साइनस में म्यूकस को बनाए रखता है. जिससे इरिटेशन को कम करने में मदद मिलती है.