राजनीति

भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने अपने श्वेत पत्र में यूपीए के दस वर्ष के शासनकाल पर जमकर निशाना साधा

वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम, जो मौजूदा कांग्रेस सांसद एवं सीडब्ल्यूसी सदस्य हैं, उन्होंने भाजपा के 'श्वेत पत्र' को 'सफेद झूठ पत्र' बताया

लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस के बीच ‘श्वेत’ एवं ‘ब्लैक’ पत्रों की आड़ में एक-दूसरे की पोल खोलने का अभियान शुरू हो गया है। भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने अपने श्वेत पत्र में यूपीए के दस वर्ष के शासनकाल पर जमकर निशाना साधा है। हालांकि इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार के दस वर्ष के कार्यकाल पर ‘ब्लैक’ पेपर जारी कर दिया। पूर्व केंद्रीय गृह एवं वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम, जो मौजूदा कांग्रेस सांसद एवं सीडब्ल्यूसी सदस्य हैं, उन्होंने भाजपा के ‘श्वेत पत्र’ को ‘सफेद झूठ पत्र’ बताया है। साथ ही उन्होंने ‘इंडिया शाइनिंग’ की याद दिलाई है। 2004 में एनडीए का ‘इंडिया शाइनिंग’ कैंपेन बुरी तरह फ्लॉप रहा था। केंद्र में यूपीए की सरकार बनी थी। कांग्रेस पार्टी के मुताबिक, ये सफेद झूठ पत्र तो अभी शुरुआत है। अगले साठ दिनों में अमूमन रोजाना ही एनडीए सरकार की पोल खुलती रहेगी।

श्वेत पत्र बनाम ब्लैक पेपर  एनडीए सरकार के श्वेत पत्र से पहले कांग्रेस पार्टी एक ब्लैक पेपर लेकर आई थी। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ब्लैक पेपर में मोदी सरकार के 10 साल को ‘अन्याय काल’ बताया था। खरगे ने कहा, मोदी सरकार की नीति पीएसयू को बेचने और लूटने की रही है। उन्होंने बेरोजगारी, किसानों की स्थिति, सरकारी पदों के लिए होने वाली भर्तियों में ओबीसी, एससी, एसटी के पद खाली होने का मुद्दा भी उठाया। यूपीए सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल पर लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, यूपीए सरकार के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया गया। यूपीए सरकार रक्षा क्षेत्र के कुप्रबंधन में शामिल थी, जिसका सबूत 3600 करोड़ रुपये का अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला था। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भी सदन में यूपीए सरकार के कार्यकाल पर निशाना साधा था।

‘पापों और कमियों की लीपापोती’ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने एनडीए सरकार के श्वेत पत्र को दुर्भावनापूर्ण बताया है। उन्होंने कहा, यह एक अनुचित आलोचना है। एक सफेद-झूठ का पत्र है। यह एक राजनीतिक कवायद है, जिसका उद्देश्य पिछली सरकार को धिक्कारना और वर्तमान सरकार के तोड़े गए वादों, भारी विफलताओं और गरीबों के साथ किए विश्वासघात को छिपाना है। आठ फरवरी को जारी किया गया पेपर, कोई श्वेत पत्र नहीं है। यह एक ऐसा पेपर है, जिसका उद्देश्य पिछले 10 वर्षों में एनडीए सरकार के कई पापों और कमियों की लीपापोती करना है। इस तथाकथित श्वेत पत्र का उपयुक्त उत्तर ’10 साल, अन्याय काल, 2014-2024′ शीर्षक वाला आलोचनात्मक दस्तावेज है। इस दस्तावेज में लिखा है कि मोदी सरकार ने बिना सोचे-समझे वादे कर दिए। बाद में सरकार ने ही उन्हें चुनावी जुमला कहकर हंसी में उड़ा दिया।

चिदंबरम ने गिनाए चुनावी जुमले
  • हर वर्ष 2 करोड़ नौकरियां
  • 100 दिन में विदेशों में जमा काला धन वापस लाना
  • हर नागरिक के बैंक खाते में 15 लाख रुपये डालना
  • पेट्रोल, डीजल 35 रुपये प्रति लीटर
  • किसानों की आय दोगुनी होगी
  • 2023-24 तक 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना
  • हर परिवार को 2022 तक घर
  • 2022 तक 100 स्मार्ट सिटी पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, 2004 में यूपीए सरकार को एक ऐसी अर्थव्यवस्था विरासत में मिली थी, जिसका प्रदर्शन पिछले 6 वर्षों में औसत से कम रहा था। इसके बावजूद वाजपेयी सरकार ने उस समय को ‘इंडिया शाइनिंग’ कहा था। यह नारा सरकार पर भारी पड़ा। भाजपा सरकार को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा। अब सफेद-झूठ पत्र के लेखकों को यह एहसास हो सकता है कि इतिहास खुद को दोहराता है। हर सरकार पिछली सरकार/सरकारों के काम से प्रभावित होती है। उदाहरण के तौर पर, जवाहरलाल नेहरू और उनके सहयोगी न होते तो भारत एक संसदीय लोकतंत्र नहीं होता। हर सरकार पूर्ववर्ती सरकारों के काम को आगे बढ़ाती है। सफेद-झूठ पत्र के लेखकों ने इस मौलिक सत्य को ध्यान में नहीं रखा।

    यूपीए बनाम एनडीए का तुलनात्मक प्रदर्शन

    • यूपीए में जीडीपी वृद्धि दर 7.46 फीसदी (पूर्व श्रेणी), 6.7 फीसदी (नवीन श्रेणी)
    • एनडीए में जीडीपी वृद्धि दर फीसदी
    • यूपीए में राजकोषीय घाटा (अंतिम वर्ष में) फीसदी
    • एनडीए में राजकोषीय घाटा (अंतिम वर्ष में) फीसदी
    • यूपीए में राष्ट्रीय ऋण (अंतिम वर्ष में) 58.6 लाख करोड़ रुपये
    • एनडीए में राष्ट्रीय ऋण (अंतिम वर्ष में) 173.3 लाख करोड़ रुपये
    • यूपीए में ऋण/जीडीपी अनुपात 52 फीसदी
    • एनडीए में ऋण/जीडीपी अनुपात 58 फीसदी
    • यूपीए में घरेलू बचत (जीडीपी का प्रतिशत) 23 फीसदी
    • एनडीए में घरेलू बचत (जीडीपी का प्रतिशत) 19 फीसदी
    • यूपीए में कृषि आय वृद्धि दर 4.1 फीसदी
    • एनडीए में कृषि आय वृद्धि दर 1.3 फीसदी
    • यूपीए में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए 8 लाख करोड़ रुपये (2004-05 से 2013-14)
    • एनडीए में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए 55.5 लाख करोड़ रुपये (2014-15 से 2022-23)
    • यूपीए में माफ किए गए बैंक ऋण 2.2 लाख करोड़ रुपये
    • एनडीए में माफ किए गए बैंक ऋण 14.56 लाख करोड़ रुपये

    विभिन्न मदों पर हुआ खर्च …

    एनडीए बनाम यूपीए, कार्यकाल की समाप्ति पर खर्च (कुल खर्च के प्रतिशत के तौर पर)।

    • यूपीए में स्वास्थ्य पर 1.7 फीसदी
    • एनडीए में 1.7 फीसदी
    • यूपीए में शिक्षा पर 4.6 फीसदी
    • एनडीए में शिक्षा पर 2.9 फीसदी
    • यूपीए में जीडीपी के प्रतिशत तौर पर कुल निर्यात 17 फीसदी
    • एनडीए में जीडीपी के प्रतिशत तौर पर कुल निर्यात 13 फीसदी
    • यूपीए में व्यापार संतुलन 8.1 लाख करोड़ रुपये
    • एनडीए में 21.13 लाख करोड़ रुपये
    • यूपीए में अमेरिकी डॉलर एक्सचेंज रेट 61 रुपये
    • एनडीए में अमेरिकी डॉलर एक्सचेंज रेट 83 रुपये
    • यूपीए में विनिर्माण का हिस्सा (GVA के प्रतिशत के तौर पर) 17 फीसदी
    • एनडीए में विनिर्माण का हिस्सा (GVA के प्रतिशत के तौर पर) 14 फीसदी
    • यूपीए में कच्चे तेल का उत्पादन 36 मिलियन टन
    • एनडीए में कच्चे तेल का उत्पादन 28 मिलियन टन
    • यूपीए में केंद्रीय क्षेत्र की परियोजनाओं की लागत में वृद्धि 1,00,943 करोड़ रुपये
    • एनडीए में केंद्रीय क्षेत्र की परियोजनाओं की लागत में वृद्धि 4,70,663 करोड़ रुपये

    घरेलू गैस सिलेंडर से लेकर पेट्रोल-डीजल तक …
    • यूपीए में पेट्रोल की कीमत 71.51 रुपये
    • एनडीए में पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये
    • यूपीए में डीजल की कीमत 57.28 रुपये
    • एनडीए में डीजल की कीमत 89.62 रुपये
    • यूपीए में एलपीजी सिलेंडर की कीमत 414 रुपये
    • एनडीए में एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1,103 रुपये
    • यूपीए में आंगनवाड़ी की संख्या 13.4 लाख
    • एनडीए में आंगनवाड़ी की संख्या 13.9 लाख
    • यूपीए में आंगनवाड़ी कर्मियों की संख्या 12.9 लाख
    • एनडीए में आंगनवाड़ी कर्मियों की संख्या 13.1 लाख
    • यूपीए में आंगनवाड़ी सहायकों की संख्या 11.7 लाख
    • एनडीए में आंगनवाड़ी सहायकों की संख्या 11.7 लाख
    • यूपीए में आशा कार्यकर्ताओं की संख्या 8.5 लाख
    • एनडीए में आशा कार्यकर्ताओं की संख्या 10 लाख

    एनडीए सरकार में घटे सरकारी कर्मचारी

    यूपीए सरकार में केंद्र सरकार के कर्मचारियों की संख्या 33,28,027 थी, जबकि एनडीए सरकार में यह संख्या 31,67,143 रही है। पी. चिदंबरम ने बताया, एक आंकड़ा जो अर्थव्यवस्था की स्थिति का सार बताता है, वह है जीडीपी विकास दर। इससे पहले कभी भी 5 साल की अवधि में भारत ने 8 फीसदी की विकास दर हासिल नहीं की थी, जो 2004-2009 में हासिल की थी। इससे पहले 10 साल की अवधि में भारत ने कभी भी 7.5 फीसदी की विकास दर हासिल नहीं की थी, जो 2004-2014 में हासिल की थी। भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2005-06 और 2007-08 के बीच तीन वर्षों में ‘विकास की स्वर्णिम अवधि’ दर्ज की, जब सकल घरेलू उत्पाद 9.5 फीसदी की औसत से 9 फीसदी या उससे अधिक की दर से बढ़ा। भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपना सर्वश्रेष्ठ राजकोषीय प्रदर्शन 2007-08 में किया, जब राजकोषीय घाटा 2.5 फीसदी और राजस्व घाटा 1.1 फीसदी था। बतौर चिदंबरम, सफेद-झूठ पत्र के बारे में हमारे पास कहने के लिए और भी बहुत कुछ है। आने वाले दिनों में अन्य तथ्य सामने रखने का वादा करते हैं।

JNS News 24

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