माता-पिता बच्चों की जिद और गुस्से से परेशान रहते हैं.
पेरेंटिंग टिप्स न केवल आपके जिद्दी बच्चे की बदतमीजी की आदतों को दूर करने में मदद करेंगे
जब बच्चे छोटे होते हैं, तो वे अक्सर अपनी पसंद की किसी चीज के लिए जिद करने लगते हैं. यह उनके विकास का एक स्वाभाविक हिस्सा है, जहां वे अपनी इच्छाओं और भावनाओं को व्यक्त करने के नए तरीके खोज रहे होते हैं. इस दौरान, वे अपनी बात मनवाने के लिए जिद का सहारा लेते हैं. कई बार जिद्दी और गुस्से में बाजार में जमीन पर लेट जाते हैं या माता-पिता पर ही हाथ उठा देते हैं, तो यह पैरेंट्स के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन जाती है. ऐसे में, पैरेंट्स को अक्सर यह समझ नहीं आता कि वे अपने बच्चों को कैसे शांत करें और उनकी इन बुरी आदतों को कैसे छुड़ाएं.आइए जानते हैं कुछ ऐसे पेरेंटिंग टिप्स न केवल आपके जिद्दी बच्चे की बदतमीजी की आदतों को दूर करने में मदद करेंगे, बल्कि आपको उनकी जिद के सामने झुकने से भी बचाएंगे. ये तरीके बच्चे के व्यवहार को सकारात्मक दिशा में मोड़ने के साथ-साथ माता-पिता और बच्चे के बीच की समझ को भी गहरा करेंगे.
जिद्दी और गुस्सैल बच्चों को कैसे हैंडल करें
- शांत रहें: जब बच्चा जिद या गुस्सा करे, तो पहले खुद को शांत रखें। आपका शांत रहना बच्चे को भी शांत करने में मदद करेगा.
- ध्यान से सुनें: बच्चे की बातों को ध्यान से सुनें. उन्हें लगना चाहिए कि आप उनकी बातों को समझ रहे हैं.
- समझाएं और समझें: बच्चे को समझाएं कि क्यों कुछ चीजें सही हैं और कुछ नहीं. उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें.
- सकारात्मक प्रोत्साहन: बच्चे के अच्छे व्यवहार की प्रशंसा करें. इससे उन्हें पता चलेगा कि अच्छा व्यवहार सराहा जाता है.
- नियम बनाएं: स्पष्ट और समझने योग्य नियम बनाएं. बच्चे को बताएं कि क्या उम्मीदें हैं और उनका पालन क्यों जरूरी है.
- विकल्प दें: जब बच्चे किसी चीज के लिए जिद करें, तो उन्हें दो स्वीकार्य विकल्प दें. इससे उन्हें चुनाव की आजादी मिलेगी.
- खेल के जरिए सिखाएं: खेल और गतिविधियों के जरिए बच्चों को सही व्यवहार सिखाएं. यह उनके लिए मजेदार भी होगा और सिखने का अवसर भी.
- संयम रखें: बच्चे को समझने और उनकी आदतों में सुधार लाने में समय लगता है. सब्र रखें और लगातार प्रयास करते रहें.