बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने स्पेशल ट्रेडिंग सेशन आयोजित करने का ऐलान किया है.
प्राइमरी साइट से डीआर साइट पर ट्रांसफर. पहला ट्रेडिंग सेशन सुबह 9.15 बजे से 10 बजे तक आयोजित होगा.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने शनिवार 2 मार्च को स्पेशल ट्रेडिंग सेशन आयोजित करने का ऐलान किया है. एनएसई और बीएसई ने सर्कुलर जारी करते हुए बुधवार को बताया कि 2 मार्च को आयोजित होने वाले इस सेशन के दौरान इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट में ट्रेडिंग की जाएगी. इस दिन डिजास्टर रिकवरी साइट (DR Site) पर इंट्रा डे स्विच ओवर किया जाएगा. यह डीआर साइट साइबर अटैक जैसी परिस्थितियों में डाटा को बचाने का काम करेगी. साथ ही ट्रेडिंग भी और ज्यादा सुरक्षित हो जाएगी.
दो स्पेशल ट्रेडिंग सेशन होंगे आयोजित
सर्कुलर के मुताबिक, सभी मेंबर्स दो मार्च को डीआर साइट (Disaster Recovery Site) के लिए स्पेशल लाइव ट्रेडिंग सेशन की तैयारी कर लें. इस दौरान प्राइमरी साइट से डीआर साइट पर ट्रांसफर. पहला ट्रेडिंग सेशन सुबह 9.15 बजे से 10 बजे तक आयोजित होगा. इसके बाद दूसरा ट्रेडिंग सेशन 11.30 बजे से 12.30 बजे तक आयोजित किया जाएगा. इस स्पेशल सेशन को पहले 20 जनवरी को आयोजित किया जाना था. मगर 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के चलते इसे टाल दिया गया था. इक्विटी मार्केट में 22 जनवरी का अवकाश भी घोषित किया गया था.
24 फरवरी, 2021 को बंद हो गई थी ट्रेडिंग
एनएसई पर 24 फरवरी, 2021 को एक ऐसी टेक्निकल समस्या आई थी, जिसके चलते डिजास्टर रिकवरी साइट की जरूरत महसूस की जाने लगी. एनएसई पर 1140 से लेकर 345 के बीच तक तकनीकी समस्या के चलते ट्रेडिंग रुकी रही थी. निवेशकों और ट्रेडर्स को इस दौरान बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा था. इस समस्या का जिम्मेदार टेलीकॉम प्रदाता कंपनी को ठहराया गया था.
डीआर साइट से मार्केट और निवेशकों की सुरक्षा
इससे पहले बीएसई और एनएसई ने 20 जनवरी को डिजास्टर रिकवरी साइट पर स्विच करने का ऐलान किया था. बीएसई और एनएसई पर ट्रेडिंग करके चेक किया जाना था कि डीआर साइट कैसा परफॉर्म कर रही है. इसकी मदद से ट्रेडिंग को साइबर अटैक, सर्वर क्रैश या किसी भी अन्य समस्या से बचाया जा सकेगा. इससे मार्केट और निवेशकों की सुरक्षा बनी रहेगी. बीएसई और एनएसई ने उस दिन डेरिवेटिव प्रोडक्ट सहित सभी सिक्योरिटीज का अधिकतम प्राइस बैंड 5 फीसदी तय किया था. म्यूचुअल फंड और फ्यूचर कॉन्ट्रेक्ट्स के लिए भी 5 फीसदी की रेंज तय की गई थी. यह प्रक्रिया सेबी और टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी के सुझावों के हिसाब से पूरी की जाएगी.