उत्तरप्रदेश

संगम नगरी प्रयागराज में राजेंद्र प्रसाद नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के उद्घाटन

द्घाटन समारोह में चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कानूनी शिक्षा को लेकर तमाम बातें कहीं.

देश के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि उनके जैसे व्यक्ति के लिए ज्यादा बोलना ठीक नहीं है, लेकिन ज्यादा चुप रहना भी कतई उचित नहीं है. संगम नगरी प्रयागराज में राजेंद्र प्रसाद नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के उद्घाटन समारोह में अपने चुप रहने को अनुचित बताने के लिए चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कबीर दास के एक दोहे को भी सुनाया. उन्होंने कहा कि कबीर दास के दोहे में लिखा हुआ है- ‘अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप, अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप.’ चीफ जस्टिस के मुताबिक वह जिस जगह हैं वहां ज्यादा बोलना तो ठीक नहीं है, लेकिन ज्यादा चुप रहना भी उचित नहीं है.उद्घाटन समारोह में चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कानूनी शिक्षा को लेकर तमाम बातें कहीं. उन्होंने कहा कि लीगल एजुकेशन सिर्फ प्रोफेशनल बनाने के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र को आगे बढ़ाने वाले व्यति के तौर पर भी दी जानी चाहिए. कानूनी शिक्षा के उद्देश्य को और बेहतर करना चाहिए. कानून के क्षेत्र में नए विषयों को जोड़ने और बदलाव के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना चाहिए. इसमें लगातार प्रयास होते रहने चाहिए. सभी जगह समान शिक्षा पाठ्यक्रम होना चाहिए. ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा का दायरा बढ़ाना चाहिए.

किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने इस बात पर फोकस किया कि शिक्षा में किसी तरह का भेदभाव या वर्गीकरण नहीं होना चाहिए. पाठ्यक्रम ऐसा हो कि अंग्रेजी को लेकर छात्रों में कोई हिचक नहीं हो. हिंदी में शिक्षा देने की भी पहल करनी चाहिए. इससे तमाम प्रतिभाएं सामने आ सकती हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बराबरी की बात करके ही समाज में बराबरी लाई जा सकती है. उनके मुताबिक शिक्षा का अवसर सभी को समान रूप से मिलना चाहिए. भाषा, जेंडर और रीजन के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. हमारी शिक्षा व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य मानवीय भावों को समझना और समस्याओं को दूर करने के साथ ही व्यवस्थाओं को और बेहतर करना होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को भी बराबरी से शिक्षा देना चाहिए. सीजेआई ने बताया कि अपने कार्यकाल में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में 36 हजार से ज्यादा फैसलों का हिंदी में अनुवाद कराया है, ताकि अंग्रेजी न जानने वालों के दरवाजे तक न्याय पहुंच सके. इस समारोह में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद थे. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर कहा कि आम आदमी का विश्वास न्यायपालिका पर बना हुआ है. आम आदमी के इस विश्वास को बनाए रखने और उसे आगे बढ़ाने में सरकार पूरा योगदान दे रही है.

JNS News 24

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