नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी का उपयोग कर कृषि लागत कम करें और उत्पादन बढ़ाएं
यूरिया 500 एमएल की बोतल 225 रुपए में किसानों को उपलब्ध हो रही है।
अलीगढ़ क्वार्सी कृषि फार्म में आयोजित किसान मेला एवं कृषि ज्ञान संगोष्ठी में क्षेत्रीय अधिकारी इफको विपिन चैधरी जी ने खेती में नैनो उर्वरकों के प्रभाव के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्हांेने नई कृषि नीति के अंतर्गत ”एक राष्ट्र-एक उर्वरक” के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए नैनो उर्वरकों एवं इफको के अन्य उत्पादों के उपयोग एवं लाभ के साथ साथ भारत सरकार द्वारा उर्वरको पर देने वाले अनुदानों के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि कैसे किसान भाई नैनो उर्वरकों का इस्तेमाल कर मृदा, जल एवं पर्यावरण को संरक्षित करते हुए राष्ट्र को समृद्धिशाली बनाने में अपना योगदान दे सकते हैं।श्री चैधरी ने बताया कि नैनो यूरिया 500 एमएल की बोतल 225 रुपए में किसानों को उपलब्ध हो रही है। जबकि यूरिया के एक बैग की कीमत 266.50 पैसे है और यदि उसमें सरकार द्वारा सब्सिडी जोड़ दी जाए तो यूरिया की एक बैग की कीमत लगभग 2300 होती है जिससे देश को अरबों रुपए की सब्सिडी से आर्थिक नुकसान होता है। साथ ही परंपरागत यूरिया के प्रयोग से मिट्टी जल एवं वायु तीनों प्रदूषित होते हैं जबकि नैनो यूरिया पूरी तरह से पर्यावरण के लिए सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि नैनो यूरिया के रखरखाव एवं लाने ले जाने में भी कोई अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ता है।
उन्होंने नैनो यूरिया, नैनो डीएपी एवं अन्य उर्वरक की उपयोग विधि व सावधानी को विस्तार पूर्वक समझाया। फसल बुवाई गेंहू, सरसो में नैनो डीएपी का प्रयोग बीज में 5 एमएल प्रति किलो बीज के हिसाब से जैसे- गेंहू के 40 किलोग्राम बैग में 200एमएल नैनो डीएपी व जरूरत के हिसाब से पानी लेना जिससे नैनो डीएपी गेंहू के सभी दानों पर लग जाये। 20 से 25 मिनट छाया में सुखाकर बुवाई कर देनी है और दानेदार डीएपी की मात्रा को आधा कर देना है। 30 से 35 दिन की अवस्था पर 4 एमएल प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना है।उन्होंने बताया कि आलू में किसान प्रति बीघा 1 बोरी डीएपी प्रयोग करता है। इससे लागत बढ़ती है। इसके स्थान पर किसान 25 किलोग्राम (आधा बोरी) डीएपी प्रयोग करे और आलू के बीज को इफको नेनो डीएपी से उपचारित करे। 1 माह की फसल में एक छिड़काव नैनो डीएपी का कर दे। छिड़काव, बीज उपचार के लिए 1 टंकी में ढाई से तीन ढक्कन नैनो डीएपी प्रयोग में लें, इससे आधी मात्रा में डीएपी प्रयोग करने के बावजूद भी अधिक उत्पादन मिलेगा और लागत घटेगी। 1बीघा आलू के बीज धुलाई (उपचार) एक छिड़काव में मात्र 75 से 80 एमएल नैनो डीएपी लगेगी जिसकी कीमत 120रूपये एवं 1 टंकी छिड़काव में 30 रूपये मजदूरी कुल 150 रुपये प्रति बीघा खर्चा होगा और 25 किलोग्राम डीएपी की बचत होगी जिसकी कीमत 675 रूपये है। लागत में शुद्व बचत 525 प्रति बीघा आएगी एवं उत्पादन बढ़ेगा।कार्यक्रम में मुख्य अथिति जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती विजय सिंह, संयुक्त कृषि निदेशक राकेश बाबू, उप कृषि निदेशक यशराज सिंह, जिला कृषि अधिकारी अमित जायसवाल, इफको बाजार अधिकारी अमित भारद्वाज व कृषि विभाग से संबंधित सभी अधिकारी उपस्थित रहे।
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