हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पद से इस्तीफा
कांग्रेस के संकटमोचक कहे जाने वाले डीके शिवकुमार ने कहा कि किसी भी अफवाह में शामिल
सूत्रों ने बताया कि सुक्खू ने कांग्रेस आलाकमान की तरफ से भेजे गए ऑब्जर्वर के सामने मुख्यमंत्री का पद छोड़ने की पेशकश की है. हालांकि सीएम सुक्खू ने इससे साफ तौर पर इनकार किया. उन्होंने कहा, ”इस्तीफा नहीं दिया है. वह आम परिवार से निकले योद्धा हैं और योद्धा लड़ाई में संघर्ष करता है.”अगर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देते हैं, तो आज बजट पास नहीं हो पाएगा. इससे सरकार के सामने संवैधानिक संकट खड़ा हो सकता है. सूत्रों ने बताया कि आज शाम तक सुक्खू औपचारिक तौर पर इस्तीफा राज्यपाल को सौंप सकते हैं.कांग्रेस में चल रही उठापटक को थामने के लिए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार शिमला में मौजूद हैं. कांग्रेस के संकटमोचक कहे जाने वाले डीके शिवकुमार ने कहा कि किसी भी अफवाह में शामिल होने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है, क्योंकि मुझे विश्वास है कि कांग्रेस पार्टी के विधायक पार्टी के प्रति वफादार रहेंगे और जो जनादेश उन्हें दिया गया है, उसका पालन करेंगे.उन्होंने आगे कहा, ”हालांकि, जिस बात पर सवाल उठाया जाना चाहिए और चिंता करनी चाहिए वह है सत्ता हासिल करने के मामले में बीजेपी किस हद तक जा रही है. बीजेपी जानबूझकर लोकतंत्र और सार्वजनिक जनादेश को कुचलने का प्रयास कर रही है.”
कांग्रेस में कलह हिमाचल कांग्रेस में मंगलवार (27 फरवरी) को कलह खुलकर सामने आ गई थी. जब राज्यसभा की एक सीट के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. इन विधायकों ने बीजेपी के हर्ष महाजन को वोट किया. इसका परिणाम ये हुआ कि सत्ता में होने के बावजूद कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी हार गए.विक्रमादित्य सिंह का इस्तीफा यही नहीं ये विधायकों ने सुक्खू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. बागी विधायकों में शामिल रवि ठाकुर ने कहा कि वो बीजेपी के साथ हैं. इस बीच हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और सीएम सुक्खू पर कई सवाल खड़े किए.बीजेपी की क्या है मांग? वहीं बीजेपी के नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की और बजट पर डिवीजन (वोटिंग) की मांग की. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार अल्पमत में है. इसके बाद स्पीकर ने भी राज्यपाल से मुलाकात की. इस बीच विधानसभा की कार्रवाही शुरू हुई. इस दौरान हंगामा कर रहे बीजेपी के 15 विधायकों को निलंबित कर दिया गया. इसके बाद भी सदन में ये विधायक डटे रहे. कई नेताओं को मार्शल ने जबरन निकाला. निलंबित विधायकों में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी शामिल हैं.