उत्तरप्रदेश

यूपी में दस सीटों को लेकर हुए राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को लगे जोरदार झटके के बाद अब विधान परिषद चुनाव को लेकर अखिलेश यादव अलर्ट हो गए

सपा ने एमएलसी के 13 पदों के लिए हो रहे चुनावों में सिर्फ तीन प्रत्याशियों को ही उतारेगी.

यूपी में दस सीटों को लेकर हुए राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को लगे जोरदार झटके के बाद अब विधान परिषद चुनाव को लेकर अखिलेश यादव अलर्ट हो गए हैं. सपा अध्यक्ष एक बार फिर से पुरानी गलती दोहराने के मूड में नहीं है. इसलिए उन्होंने एमएलसी चुनाव को लेकर बड़ा फैसला किया है. राज्यसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने पूरे वोट नहीं होने पर भी एक अतिरिक्त प्रत्याशी उतारा था, लेकिन इस बार वो ये गलती नहीं करेंगे. सपा ने एमएलसी के 13 पदों के लिए हो रहे चुनावों में सिर्फ तीन प्रत्याशियों को ही उतारेगी. सपा के पास इसके लिए पर्याप्त वोट है. अखिलेश यादव एमएलसी चुनाव में चौथे प्रत्याशी को उतारने का जोखिम नहीं उठाएंगे. सपा के पास वर्तमान समय में 108 विधायक है. कांग्रेस के दो विधायक मिलाकर कुल संख्या 110 होता है. तीन प्रत्याशियों के लिए सपा को 87 वोट चाहिए होंगे जो उनके पास पहले से ही हैं. यूपी विधानसभा में अभी कुल विधायकों की संख्या 399 होती हैं. ऐसे में एक एमएलसी की जीत के लिए 29 वोटों की जरुरत होगी. सपा तीन सीटों पर ही अपने प्रत्याशी उतारेगी. ताकि चौथे प्रत्याशी के लिए वोटिंग की ज़ोर ही न पड़े और लोकसभा चुनाव से पहले सपा को कोई दूसरा नुकसान न हो.

बीजेपी के साथ राजा भैया भी  दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो बीजेपी के पक्ष में अपना दल, निषाद पार्टी, सुभासपा और रालोद समेत कुल 288 विधायक होते हैं. इनमें दो विधायक राजा भैया के भी हैं. भाजपा अगर 10 प्रत्याशी उतारती है तो उसके लिए पार्टी को 290 विधायकों के समर्थन की जरुरत होगी जो आसानी से जुट जाएंगे. यूपी में 21 मार्च को एमएलसी का चुनाव होगा. इसके लिए 11 मार्च से नामांकन पत्र भरे जाएंगे. 12 मार्च तक प्रत्याशी नामांकन वापस ले सकेंगे. 21 मार्च को ही एमएलसी चुनाव के नतीजे भी सामने आ जाएंगे, भाजपा ने अगर इस बार भी ग्यारहवां प्रत्याशी मैदान में उतारा तो चुनाव दिलचस्प हो सकता है.

JNS News 24

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