एग्जाम और रिजल्ट के इस मौसम में आजकल जल्दी-जल्दी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं
एजुकेशन सेक्टर के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं. सुनने में बात भले मजाकिया लगे लेकिन ये समस्याएं और गलतियां गंभीर हैं
एग्जाम और रिजल्ट के इस मौसम में आजकल जल्दी-जल्दी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जो एजुकेशन सेक्टर के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं. सुनने में बात भले मजाकिया लगे लेकिन ये समस्याएं और गलतियां गंभीर हैं. अभी हाल ही में एक यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स के लिए एग्जाम कंडक्ट करना भूली थी. ये मामला शांत भी नहीं हुआ था कि एक नया केस सामने आ गया है. इसमें जितने अंक का पेपर भी नहीं है स्टूडेंट्स को उतने मार्क्स मिल गए हैं.ये मामला राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेस, बेंगलुरु का है. यहां कुछ दिन पहले नर्सिंग एग्जाम के नतीजे जारी किए गए. नतीजे चौंकाने वाले थे. कुल 300 नंबर के पेपर में कई छात्रों को 310 और 315 अंक मिले थे.टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक बीएससी नर्सिंग के सेकेंड सेमेस्टर के एग्जाम इस साल जनवरी में आयोजित किए गए थे. इस बारे में बात करते हुए एक स्टूडेंट ने बताया कि ये बहुत ही मजे की बात है कि मेरे क्लास के दो स्टूडेंट्स को 300 में से 310 और 315 अंक मिले हैं.
यूनिवर्सिटी ने वापस लिया रिजल्ट ये मामला जब यूनिवर्सिटी तक पहुंचा तो नतीजे वापस ले लिए गए और दोबारा से सही रिजल्ट रिलीज किया गया. हालांकि इसमें भी कई तरह की समस्याएं सामने आयीं. एक पैरेंट ने बताया कि एक स्टूडेंट के 275 मार्क्स थे और एक पल में ये 227 हो गए. अच्छी बात ये थी कि ग्रेड नहीं बदला.
क्या कहना है यूनिवर्सिटी का
इस बारे में यूनिवर्सिटी का कहना है कि गलती से इंटर्नल एसेस्मेंट के कुछ मार्क्स फाइनल स्कोर में जोड़ दिए गए. इससे नंबर ज्यादा हो गए, ये स्कोर फाइनल स्कोर में नहीं जोड़ा जाना था. इसलिए जिनके पहले ही अच्छे नंबर थे, उनके जब ये मार्क्स जुड़े तो टोटल नंबर ज्यादा हो गए. हालांकि ये रिजल्ट वापस ले लिया गया है और नये नतीजे जारी कर दिए गए हैं. पहली बार सेमेस्टर एग्जाम करवाए जा रहे हैं इसलिए कई बदलाव हो रहे हैं.