धार्मिक

हिंदू धर्म में होली का खास महत्व है. यह त्योहार, हर साल फाल्‍गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है

होली का त्योहार हंसी-ठिठोली, आपसी मतभेद भूलाकर प्रेम-सद्भाव से रहने का संदेश देता है.

हिंदू धर्म में होली का खास महत्व है. यह त्योहार, हर साल फाल्‍गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. होली का त्योहार हंसी-ठिठोली, आपसी मतभेद भूलाकर प्रेम-सद्भाव से रहने का संदेश देता है. होली नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा लाती है.  इस बार होलिका दहन 24 मार्च को होगी और 25 मार्च को धुलंडी यानी रंग वाली होली मनाई जाएगी. साथ ही साल का पहला चंद्रग्रहण भी 25 मार्च को लगने जा रहा है. हालांकि यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा.होली से लगभग आठ दिन पहले फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू हो जाता है. होलाष्टक के समय ग्रहों का स्वभाव उग्र रहता है, शुभ कार्यों के लिए ग्रहों की ये स्थिति अच्छी नहीं मानी जाती है. इस साल होलाष्टक 17 मार्च से 24 मार्च तक रहेगा. होलाष्टक के दिनों में घर की जरूरत का छोटा-बड़ा सामान खरीदा जा सकता है, लेकिन विवाह, गृह प्रवेश और मुंडन एवं अन्य मंगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. ये समय पूजा-पाठ के लिहाज से बहुत अच्छा रहता है. अपने इष्टदेव के मंत्रों का जाप करें.

होलिका दहन (Holika Dahan 2024) पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 53 मिनट से शुरू होकर 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को मान्य रहेगी. 24 मार्च को होलिका दहन है. इस दिन सुबह 9 बजकर 56 मिनट से रात 11 बजकर 14 मिनट तक भद्रा रहेगी. इस कारण होलिका दहन शुभ मुहूर्त भद्रा के बाद रात 11 बजकर 14 मिनट से मध्य रात्रि 12 बजकर 14 मिनट बजे तक रहेगा. पुराणों के अनुसार भद्रा सूर्य की पुत्री और शनिदेव की बहन है. भद्रा क्रोध की स्वभाव की मानी गई है. इसी वजह से भद्रा के समय किसी भी काम की शुरुआत वर्जित मानी गई है. भद्र योग कर्क, सिंह, कुंभ व मीन राशि में चन्द्रमा के विचरण पर भद्रा विष्टिकरण का योग होता है तब भद्रा पृथ्वी लोक में निवास करती है.इस दिन एक थाली में रोली, कच्चा सूत, अक्षत, पुष्प, साबुत मूंग, बताषे, नारियल, उंबी और बड़कुले यानि छोटे-छोटे उपलों की माला ले लें और साथ में पानी से भरा पात्र भी रख दें. फिर इन सभी चीजों से होलिका की पूजा कर लें और होलिका दहन होने पर परिक्रमा अवष्य करें.होलिका दहन में पूजा,परिक्रमा और प्रसाद का बहुत महत्व होता है. इससे दुःखों का नाश हो जाता हैं और इच्छाएं पूर्ण होने का वरदान मिलता है. होलिका दहन की पूजा करने से होलिका की अग्नि में सभी दुख जलकर खत्म हो जाते हैं और ग्रह दोष भी दूर हो जाते हैं.

होली के दिन बनेंगे शुभ योग (Holi Shubh Yog 2024)

इसके साथ ही होलिका दहन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, गण्ड़ योग, बुधादित्य का संयोग भी है. 25 मार्च को होली के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं. इस पूरे दिन वृद्धि योग,बुधादित्य योग,वाशी योग,सुनफा योग बनने के कारण यह दिन अति शुभ रहेगा. इन शुभ योगों में होलिका दहन और होली होने से देश में सुख, समृद्धि और उन्नति के संकेत मिल रहे हैं.

JNS News 24

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