ज्यादातर लोगों के लिए यूट्यूब पंसदीदा रील्स, वीडियो, मूवी आदि देखकर टाइमपास करने का जरिया
14 वीं रैंक भी हासिल की.तरुणी का जन्म पश्चिम बंगाल के चितरंजन में हुआ
ज्यादातर लोगों के लिए यूट्यूब पंसदीदा रील्स, वीडियो, मूवी आदि देखकर टाइमपास करने का जरिया है लेकिन इस वीडियो शेयरिंग सोशल मीडिया प्लेटफार्म का बेहतर इस्तेमाल कर आप अपने जीवन की दशा और दिशा भी बदल सकते है. झारखंड की तरुणी पांडेय ने यूट्यूब की मदद से कुछ ऐसा कर दिखाया है, जिसकी कल्पना भी कोई नहीं कर सकता. तरुणी ने यूट्यूब से पढ़ाई कर अपने पहले ही प्रयास में न केवल यूपीएससी की परीक्षा पास की बल्कि 14 वीं रैंक भी हासिल की.तरुणी का जन्म पश्चिम बंगाल के चितरंजन में हुआ और उनकी शुरुआती पढ़ाई झारखंड के जमताड़ा में हुई. उन्होंने इग्नू से अंग्रेजी साहित्य विषय में बीए और एमए किया है. तरुणी बचपन से डॉक्टर बनना चाहती थीं. हालांकि खराब सेहत के कारण उन्हें बीच में ही एमबीबीएस की पढ़ाई छोड़नी पड़ी. इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और साल 2020 में यूट्यूब की मदद से यूपीएससी की तैयारी शुरू की. 2020 मे कोविड संक्रमण के कारण वह परीक्षा में नहीं बैठ सकीं. साल 2021 में उन्होंने फिर प्रारंभिक परीक्षा दी.अगले साल ओवर एज हो जाने के कारण यह उनका आखिरी मौका था लेकिन भगवान ने उनकी सुन ली. प्री पास होने के बाद मेंस और फिर इंटरव्यू, हर चरण में तरुणी सफलता के झंडे गाड़ती गईं. बिना कोचिंग के पहले ही प्रयास में 14 वीं रैंक लाकर उन्होंने नई मिसाल कायम की. उन्होंने महज चार महीने की तैयारी में प्रीलिम्स क्लियर किया था.
तैयारी के बीच आईं चुनौतियां तरुणी का यह सफर आसान नहीं था. खराब सेहत से उबरने के बाद कोविड संक्रमण के दौरान पढ़ाई जारी रखना बेहद मुश्किल था. इसी दौरान तरुणी के जीजाजी का निधन हो गया. यह हादसा परिवार को मानसिक रूप से तोड़ने वाला था. हालांकि तरुणी ने हार नहीं मानी और अपनी बहन की हर संभव मदद करने के बाद भी वह पढ़ाई में जुटी रहीं.
बाधा नहीं, सहायक है सोशल मीडिया
अक्सर लोग परीक्षा के दौरान सोशल मीडिया से दूर रहने की सलाह देते हैं. तरुणी के इस प्रयास से यह पता चलता है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म बेहतर तैयारी में बाधा नहीं हैं, बल्कि इनका बेहतर इस्तेमाल आपकी तैयारी में चार चांद लगा सकता है.