ठाकुर द्वारिकाधीश होली खेलने के लिए यमुना किनारे विराजेंगे
सुबह 10 बजे से 11 बजे तक राजभोग के दर्शनों में ठाकुरजी को पिचकारी से होली खिलाई जाएगी।
ठाकुर द्वारिकाधीश होली खेलने के लिए यमुना किनारे विराजेंगे। भक्तों के साथ रजत पिचकारी से होली खेलेंगे। यह आयोजन 17 मार्च को द्वारिकाधीश मंदिर में होगा। इसके बाद 25 मार्च तक मंदिर में प्रतिदिन होली होगी।रविवार को मंदिर में होने वाली होली के लिए मंदिर के जगमोहन में प्रतीकात्मक यमुना जी बनाई जाएंगी। सुबह 10 बजे से 11 बजे तक राजभोग के दर्शनों में ठाकुरजी को पिचकारी से होली खिलाई जाएगी। मंदिर के विधि एवं मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी एडवोकेट ने बताया कि 17 मार्च को होलाष्टक प्रारंभ होने के दिन से ठाकुर जी स्वर्ण और रजत की पिचकारियों से होली खेलते हैं।
यह क्रम होलाष्टक से प्रतिदिन 10 बजे से 11 बजे तक मंदिर प्रांगण में चलेगा। 20 मार्च को ठाकुरजी कुंज में विराजमान होकर होली खेलेंगे। 22 मार्च को ठाकुरजी बगीचे में विराजमान होकर होली खेलेंगे और 25 मार्च को डोल महोत्सव के साथ कार्यक्रमों का समापन होगा।