19 अप्रैल से शुरू होकर एक जून को समाप्त होगा. 2019 के आम चुनाव
राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने 62 सीटों पर जीत हासिल
केंद्र की सत्ता पर काबिज होने का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है इसलिए देश के सबसे अधिक लोकसभा सीटों वाले इस राज्य में सभी राजनीतिक दल जीत हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में जुट गये हैं. एक तरफ जहां सत्तारूढ़ बीजेपी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करिश्मे और विभिन्न विकास परियोजनाओं के सहारे सभी सीटों पर जीत का दावा कर रही है वहीं विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को भी राज्य में सम्मानजनक लड़ाई लड़ने की उम्मीद है.उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ-साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी ‘इंडिया’ गठबंधन के तहत चुनाव मैदान में है. उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के सभी सात चरणों के तहत मतदान होगा, जो 19 अप्रैल से शुरू होकर एक जून को समाप्त होगा. 2019 के आम चुनाव में राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने 62 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि एनडीए के घटक दल अपना दल (सोनेलाल) दो सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रहा था.
पिछली बार किसे मिली कितनी सीट
वहीं कांग्रेस एकमात्र रायबरेली सीट पर जीत हासिल करने में सफल हुई थी जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 10, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी. राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) 2019 आम चुनाव में खाता भी नहीं खोल सकी थी. लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को नीत एनडीए को राज्य से अधिक उम्मीदें हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बार भी वाराणसी से चुनाव मैदान में हैं, जहां काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास के क्षेत्र का पुनर्निर्माण सहित कई विकास परियोजनाएं शुरू की गयी हैं.भाजपा सूबे में मोदी की लोकप्रियता और हिंदुत्व के मुद्दे को भुनाने की तैयारी में है साथ ही राज्य के छोटे दलों के समर्थन से भी पार्टी को मजबूती मिल रही है. ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा की राजग में वापसी से भाजपा को पूर्वांचल क्षेत्र में मजबूती मिली है. राजभर को हाल ही में योगी आदित्यनाथ नेतृत्व की सरकार में मंत्री पद की शपथ दिलाई गयी.