पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती कराया गया
जेल प्रशासन को ये पूरी रिपोर्ट 29 मार्च तक अदालत को सौंप देनी होगी
माफिया डॉन और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने के बाद बीते दिनों उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती कराया गया था. हालांकि फिर उन्हें तबीयत ठीक होने के बाद जेल भेज दिया गया था. लेकिन अब मुख्तार अंसारी मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनकी सेहत को लेकर जानकारी तलब की है. एमपी एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी की सेहत को लेकर जानकारी के लिए प्रशासन को तलब किया है. बांदा के जेल अधीक्षक से दो दिनों के अंदर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. रिपोर्ट में पूछा गया है कि कब से मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ी हुई है. उसने उस दिन क्या-क्या खाया था और अब उसकी सेहत कैसी है. अब जेल प्रशासन को ये पूरी रिपोर्ट 29 मार्च तक अदालत को सौंप देनी होगी. दरअसल, तबीयत खराब होने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्तार अंसारी को अस्पताल लाया गया था. पुलिस प्रशासन ने मेडिकल कॉलेज को छावनी में तब्दील कर दिया था. जबकि कुछ दिन पहले मुख्तार अंसारी ने कहा था कि उनकी जान को खतरा था. उन्होंने आशंका जताई थी कि जेल में उन्हें धीमा जहर दिया जा रहा है. इस मामले में लापरवाही बरतने पर बांदा जेल के जेलर और दो डिप्टी जेलर को निलंबित कर दिया गया.
जज को भेजी थी अर्जी साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू की गयी. एंबुलेंस मामले में मुख्तार अंसारी को पिछले गुरुवार को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वह कोर्ट नहीं पहुंचे थे. अपने वकील के जरिए जज को अर्जी भेजकर कहा था कि बांदा जेल में उनकी जान को खतरा है. मुख्तार अंसारी ने पत्र में लिखा था कि 19 मार्च को उन्हें जो खाना दिया गया था उसमें कोई जहरीला पदार्थ मिलाया गया था.इसे खाने के बाद वह बीमार पड़ गये. उन्होंने पत्र में लिखा था कि खाना खाने के बाद उनके हाथ-पैर की नसों में तेज दर्द होने लगा और फिर उनके हाथ-पैर ठंडे होने लगे. इससे पहले 13 मार्च को बांदा जेल में बंद अंसारी को 36 साल पुराने गाजीपुर फर्जी हथियार लाइसेंस मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.