कोविड महामारी ने दुनियाभर में एजुकेशन सिस्टम को बदल दिया.
कोरोनाकाल में जब भारत में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए
कोविड महामारी ने दुनियाभर में एजुकेशन सिस्टम को बदल दिया. कोरोनाकाल में जब भारत में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए थे तब छात्रों के लिए शिक्षा हासिल करना मुश्किल हो गया था. तब छात्रों के लिए उच्च शिक्षा जारी रखने का एकमात्र तरीका बन गया- ऑनलाइन स्टडी.हजारों लाखों छात्रों ने अपने एक-दो साल बर्बाद करने के बजाय ऑनलाइन एजुकेशन को अपना लिया. इसका नतीजा ये देखा गया कि कई तरह के प्रोग्राम ऑनलाइन कराए जाना शुरू कर दिए गए. लेकिन अब इनमें से कुछ कोर्स पर रोक लगा दी गई है. यूजीसी ने छात्रों के लिए डिस्टेंस लर्निंग (ODL) और ऑनलाइन लर्निंग (OL) कोर्स में दाखिला लेने से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी है. साथ ही कुछ दिशानिर्देश भी जारी किए हैं. डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन लर्निंग कोर्स में दाखिला लेने के लिए यूजीसी की पहली और सबसे अहम बात ये है कि आप जिस हायर एडुकेशनल इंस्टीट्यूट (HEIs) से कोर्स करना चाहते हैं उसकी मान्यता चेक कर लें.दो तरह से मान्यता चेक करनी है: क्या संस्थान को भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है? क्या संस्थान को डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन लर्निंग कोर्स कराने की अनुमति है? ध्यान रहे सभी मान्यता प्राप्त संस्थान ऑनलाइन कोर्स नहीं कराते हैं.आप यूजीसी की वेबसाइट (ugc.gov.in) पर जाकर चेक कर सकते हैं कि आपका चुना हुआ कॉलेज या यूनिवर्सिटी मान्यता प्राप्त है और उसे डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन लर्निंग देने की अनुमति है.
कॉलेज की वेबसाइट पर जाकर चेक करें डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन लर्निंग कोर्स में दाखिला लेने से पहले छात्र जिस कॉलेज-यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना चाहते हैं उस संस्थान की वेबसाइट पर सभी जानकारी को ध्यान से पढ़ना चाहिए. UGC का कहना है कि सभी मान्यता प्राप्त कॉलेज और यूनिवर्सिटी को अपनी वेबसाइट पर कुछ जरूरी दस्तावेज अपलोड कराना अनिवार्य है. जैसे- यूजीसी को दिया गया आवेदन, हलफनामे, सरकारी अप्रूवल, रेगुलेटरी अप्रूवल आदि. छात्र कुछ संस्थानों को सरकार ने डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन लर्निंग कोर्स कराने की इजाजत नहीं दी है. ऐसे संस्थानों को ‘दाखिला नहीं’ वाली संस्था की कैटेगरी में रखा गया है.किन कोर्स के लिए ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग मोड की डिग्री मान्य नहींयूजीसी ने कुछ डिग्रियां ऑनलाइन या डिस्टेंस लर्निंग मोड में मान्यता नहीं दी है. इंजीनियरिंग, मेडिकल समेत 18 सब्जेक्ट में ऑनलाइन या डिस्टेंस लर्निंग मोड में प्राप्त डिग्री मान्य नहीं होगी. इसके अलावा पीएचडी की पढ़ाई भी ऑनलाइन या दूरस्थ शिक्षा मोड में नहीं की जा सकती है. ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में योग, टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी मैनेजमेंट प्रोग्राम की ऑनलाइन पढ़ाई पर भी रोक लगी है.
इंजीनियरिंग, मेडिकल, लॉ, पैरा मेडिकल, डेंटल, एग्रीकल्चर, फार्मेसी, नर्सिंग, ऑक्यूपेशनल थेरेपी एंड अदर पैरा मेडिकल डिस्पिलीन , आर्किटेक्चर, हॉर्टिकल्चर,कैटरिंग, एविएशन, विजुअल ऑर्ट एंड स्पोर्ट्स, एयरक्रॉफ्ट मेंटीनेस, कैटरिंग टेक्नोलॉजी, होटल मैनेजमेंट, पाकशास्त्र, भौतिक चिकित्सा की पढ़ाई ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग मोड से नहीं हो सकती है.आपको बता दें फरवरी 2024 से शुरू हो चुके सभी एकेडमिक सेशन के लिए डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन लर्निंग कोर्स की पेशकश करने वाले सभी संस्थानों में दाखिले की आखिरी तारीख 31 मार्च है.इन यूनिवर्सिटी के डिग्री प्रोग्राम पर रोक यूजीसी ने नियमों का उल्लंघन करने पर कुछ यूनिवर्सिटी के ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ODL) और ऑनलाइन डिग्री प्रोग्रामों पर रोक लगा दी है. यह रोक एकेडमिक सेशन 2024-25 के लिए लागू होगी.
- महाराष्ट्र: नरसी मोनजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम)
- आंध्र प्रदेश: श्री वैकेंटेश्वरा यूनिवर्सिटी (ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम)
- तमिलनाडु: पेरियार यूनिवर्सिटी (ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम)इन यूनिवर्सिटीज ने यूजीसी की ओर निर्धारित ODL और ऑनलाइन डिग्री प्रोग्रामों के लिए नियमों का उल्लंघन किया है. इन यूनिवर्सिटी में ODL और ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम में नामांकित छात्र अब प्रोग्राम में आगे नहीं पढ़ सकेंगे.गलत जानकारी देने पर रद्द होगी मान्यतायूजीसी ने सभी हायर एडुकेशनल इंस्टीट्यूट (HEIs) को सख्त निर्देश दिए हैं. सभी डिग्री प्रोग्राम की जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी. इसमें नियमित, ऑनलाइन और ओपन एंड डिस्टेंस (ODL) मोड में उपलब्ध सभी कोर्स शामिल होने चाहिए. यूनिवर्सिटी को यह जानकारी यूजीसी को भी भेजनी होगी.अगर कोई यूनिवर्सिटी इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है. मान्यता रद्द हो सकती है. कोर्स पर रोक लगाई जा सकती है.क्या है UGC, कितना होता है महत्वUGC का मतलब है यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन. यह सरकार का ही एक अंग है जिसे 1956 में बनाया गया था. भारत की आजादी के बाद उच्च शिक्षा को व्यवस्थित करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की स्थापना की गई. इसकी शुरुआत 28 दिसंबर 1953 को संसद के एक अधिनियम से हुई.यूजीसी का मुख्य उद्देश्य ये था कि पूरे भारत में उच्च शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए और उसमें समन्वय स्थापित किया जाए. UGC को एक स्वायत्त संस्था के रूप में बनाया गया था ताकि ये पूरे देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में सुधार और मानकों को ऊंचा उठाने का काम देख सके.शुरुआत में, यूजीसी सिर्फ विश्वविद्यालयों को पैसा देने वाली संस्था थी. लेकिन अब ये एक बहुआयामी संस्था बन गई है जिसका काम भारत में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और दिशा तय करना है. हालांकि कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, फिर भी यूजीसी भारत में अच्छी शिक्षा सभी को मिले, रिसर्च को बढ़ावा मिले और शिक्षा के मानक अच्छे रहें, यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.