मुख्तार अंसारी की पहचान एक कुख्यात अपराधी के रूप में है.
पॉलिटिक्स की दुनिया में प्रवेश ही छात्र राजनीति से किया था.
मुख्तार अंसारी की पहचान एक कुख्यात अपराधी के रूप में है. उसे दुनिया डॉन, माफिया और ऐसे ही दूसरे नामों से जानेगी लेकिन मुख्तार के परिवार का इतिहास गौरवशाली रहा है. वो खुद भी कम पढ़ा-लिखा नहीं था और उसने पॉलिटिक्स की दुनिया में प्रवेश ही छात्र राजनीति से किया था. स्टूडेंट पॉलिटिक्स से करियर की शुरुआत की और फिर पूरी तरह से इस क्षेत्र में जगह बना ली. हाल ही में बांदा जेल में उसकी मौत हो गई.मुख्तार अंसारी पर न जानें कितने मुकदमें दर्ज हैं और वो पूर्वांचल के डॉन के नाम से कुख्यात रहा है. उसने एक-दो नहीं पूरे पांच बार चुनाव में जीत हासिल की और विधायक बना. उसकी फैमिली हिस्ट्री की बात करें तो वो एक ऐसे परिवार से था जहां से उप राष्ट्रपति, बिग्रेडियर, राज्यपाल, जज जैसे तमाम पद पर लोग काबिज हुए. इसी वजह से आज भी गाजीपुर जिले में उसके परिवार का सम्मान है.कितना पढ़ा था मुख्तारमुख्तार यूपी के गाजीपुर में जन्मा था और उसकी शुरुआती शिक्षा-दीक्षा यहीं से हुई. वो अपने परिवार में सबसे छोटा था और उसने मुहम्दाबाद के राजकीय इंटर कॉलेज से स्कूलिंग पूरी की. यहीं के पीजी कॉलेज से ही उसने आगे की पढ़ाई की. मुख्तार ने बैचलर इन आर्ट्स यानी बीए किया था. इसके बाद रामबाग के कॉलेज से उसने पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली.कैसे शुरू हुआ पॉलिटिकल करियरपरिवार के सबसे छोटे बेटे मुख्तार ने छात्र राजनीति के माध्यम से पॉलिटिक्स में कदम रखा. उसने काशी हिंदू विश्वाविद्यालय यानी बीएचयू से राजनीति की शुरुआत की और पहली बार साल 1996 में बसपा से टिकट हासिल किया. मऊ से चुनाव लड़ा और विधायक बना.परिवार का इतिहासउनके परिवार ने मोहम्मद हामिद अंसारी के रूप में उप राष्ट्रपति दिया. उनके ही परिवार के शौकत उल्लाह अंसारी राज्यपाल रहे. इलाहाबाद हाईकोर्ट में उनके ही परिवार के आसिफ अंसारी जज रहे. उनके बड़े भाई अफजाल अंसारी पांच बार विधायक और दो बार सांसद रहे. उनके दादा स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वालों में से थे.