उत्तर प्रदेश में एनडीए का मुकाबला करने के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं.
सोमवार को कांग्रेस की ओर पार्टी में दफ्तर में होली मिलन समारोह रखा गया था,
उत्तर प्रदेश में एनडीए का मुकाबला करने के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन लगता है कि दोनों दल तो मिल गए हैं लेकिन, इनके दिल अब भी आपस में मिल नहीं पा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि सोमवार को कांग्रेस की ओर पार्टी में दफ्तर में होली मिलन समारोह रखा गया था, लेकिन कांग्रेस इस कार्यक्रम में न्योते के बावजूद सपा का कोई नेता शामिल नहीं हुआ. यूपी कांग्रेस ने सोमवार शाम को लखनऊ में होली मिलन समारोह रखा था. इसमें कार्यक्रम के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को शामिल होने के लिए न्योता दिया गया था और उन्हें कार्यक्रम में शामिल होने की गुज़ारिश की गई थी. लेकिन समाजवादी पार्टी के नेता इस कार्यक्रम से पूरी तरह दूरी बनाते हुए दिखे. सियासी जानकारों का कहना है कि अगर सपा नेता कांग्रेस के इस कार्यक्रम में शामिल होते तो चुनाव के बीच दोनों दलों के बीच एकजुटका का अच्छा संदेश जा सकता था. लेकिन, दोनों दल इसमें चूक गए. हालांकि इस बीच यूपी कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय दो बार सपा दफ़्तर जा चुके हैं जब समन्वय समिति की बैठक सपा दफ्तर में की गई थी. लेकिन, सपा की ओर से कोई भी कांग्रेस ऑफिस नहीं गया है.
कांग्रेस के कार्यक्रम में अगर सपा अध्यक्ष या उनकी ओर से कोई प्रतिनिधि आता इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश भी बढ़ता. बहरहाल आज मंगलवार 2 अक्टूबर को भी कांग्रेस कार्यालय में रोजा इफ्तार पार्टी रखी गई है, इसके लिए सपा अध्यक्ष को न्योता दिया गया है. देखना दिलचस्प होगा कि अखिलेश यादव आज के कार्यक्रम में आते हैं या नहीं. हालांकि अविनाश पांडेय ने आज अखिलेश यादव के आने की उम्मीद जताई है. यूपी में कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इनमें से 13 सीटों पर पार्टी प्रत्याशी घोषित कर चुकी है. वहीं मथुरा सीट से मुक्केबाज विजेंद्र सिंह का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है और प्रयागराज सीट से भी सपा के पूर्व विधायक उज्जवल रमण सिंह उतारने की तैयारी है. लेकिन, अमेठी और रायबरेली को लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है.