दो अप्रैल का दिन दुनिया के विमानन इतिहास में एक अनोखी घटना के साथ दर्ज है.
विमान में 11,000 फुट की ऊंचाई पर एक बड़ा सा सुराख हो गया और उस जगह पर बैठे चार लोग हवा के दबाव से विमान से बाहर गिर गए
दो अप्रैल का दिन दुनिया के विमानन इतिहास में एक अनोखी घटना के साथ दर्ज है. 2 अप्रैल 1986 को अमेरिका की प्रमुख विमानन कंपनी टीडब्ल्यूए के यात्री जेट विमान बोइंग 727 की एक सीट के नीचे रखा बम फटने से रोम से काहिरा जा रहे विमान में 11,000 फुट की ऊंचाई पर एक बड़ा सा सुराख हो गया और उस जगह पर बैठे चार लोग हवा के दबाव से विमान से बाहर गिर गए. इनमें आठ माह की एक बच्ची भी शामिल थी.घटना के बाद विमान में अफरा तफरी मच गई. हालांकि, फ्लाइट पायलट ने बड़ी सावधानी से विमान को एथेंस में उतारकर बाकी यात्रियों की जान बचा ली. अरब रेवोल्यूशनरी सेल्स की एजेदीन कासम यूनिट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली और इसे लीबिया के खिलाफ अमेरिकी बमबारी का बदला बताया.
115 यात्री और 7 क्रू मेंबर्स थे सवारइस विमान ने फ्लाइट ने लॉस एंजिल्स एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी. यह इजिप्ट जा रहा था. इसमें 115 यात्री और 7 क्रू मेंबर्स सवार थे. जब फ्लाइट ग्रीस के आर्गोस के ऊपर उड़ान भर रही थी, तभी ये बम विस्फोट हुआ. इसके चलते विमान में बड़ा होल हो गया. इसके चलते इसके आसपास बैठे 4 व्यक्ति हवा के दबाव में विमान से नीचे गिर गए. इसमें 8 महीने की एक बच्ची भी शामिल थी.विमान में विस्फोट उस वक्त हुआ, जब 15000 फीट की ऊंचाई से एथेंस एयरपोर्ट पर उतरने की तैयारी कर रहा था. इस विमान में बम सीट 10एफ के नीचे रखा गया था. इसके चलते विमान में 9 x 4 फीट का होल हो गया. धमाका इतनी तेज था कि पूरा विमान बुरी तरह से हिल गया और इसकी कई खिड़कियों के कांच भी टूट गए. विमान में बैठे सभी यात्री बुरी तरह से घबरा गए. इस बम विस्फोट की जिम्मेदारी अरब रेवोल्यूशनरी सेल्स की एजेदीन कासम यूनिट ने ली थी. संगठन ने लीबिया में अमेरिकी ऑपरेशन के खिलाफ इसे बदले की कार्रवाई बताई.